NEXT 10 मई, 2025। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के दुसारणा गांव की रोही में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए राज्य वृक्ष खेजड़ी के 18 सैकड़ों वर्ष पुराने हरे-भरे पेड़ों को अवैध रूप से काट दिया गया। बताया जा रहा है कि यह कार्य सौर ऊर्जा परियोजना के निर्माण की आड़ में अंजाम दिया गया।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पेड़ों की कटाई के लिए अवैध आरा मशीनों का उपयोग किया गया और लकड़ी को पिकअप गाड़ियों में भरकर मौके से ले जाया गया। हालांकि दो बड़े पेड़ अभी भी मौके पर कटे हुए अवस्था में पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त लगभग 80 से अधिक खेजड़ी के पेड़ अब भी वहां खड़े हैं, जिन्हें भी जल्द काटे जाने की आशंका जताई जा रही है।

स्थल पर एक सोलर पावर प्लांट निर्माणाधीन है, जिसकी चारदीवारी पूरी हो चुकी है और एंग्ल स्टैंड लगाकर प्लेटें लगाने की तैयारी चल रही है। इसी क्षेत्र में खेजड़ी के पेड़ होने के बावजूद उन्हें बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया।

घटना की जानकारी मिलने पर जीव रक्षा संस्था बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम बिश्नोई, आर. गोदारा, स्थानीय गिरदावर, पटवारी, नायब तहसीलदार, वन विभाग के सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह सहित प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और निरीक्षण किया।

पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि शेष बचे पेड़ों की नंबरिंग, जिओ टैगिंग और रजिस्टर मेंटेन किया जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ रोकी जा सके। साथ ही उन्होंने अवैध आरा मशीन, लकड़ी व पिकअप गाड़ी को जब्त करने और सोलर पावर प्रोजेक्ट कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

जीव रक्षा संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे श्रीडूंगरगढ़ तहसील कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देने को मजबूर होंगे।
