NEXT 5 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। सेवा केंद्र मालू भवन में आज शुक्रवार को साध्वी संगीतश्री और डॉ. साध्वी परमप्रभा के सान्निध्य में 223वां भिक्षु चरमोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी संगीतश्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु का जीवन अनुशासन, साधना और सत्यनिष्ठा का आदर्श मापदंड है। उनका व्यक्तित्व आडंबर से दूर और आत्मचिंतन से जुड़ा हुआ था। डॉ. साध्वी परमप्रभा ने बताया कि उनके सिद्धांतों को जीवन में उतारना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल की कांता बरडिया ने मंगलाचरण से की। साध्वी कमलविभा, साध्वी शांतिप्रभा, साध्वी मुदिताश्री ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। सभा के मंत्री प्रदीप पुगलिया, युवक परिषद से सहमंत्री सुमित बरडिया और मोहनलाल सेठिया, टीटलागढ़ से निर्मल भाई और बेला बाई सहित कई वक्ताओं ने गीतिका व उद्बोधन से भावनाएं व्यक्त कीं। महिला मंडल की ओर से सामूहिक गीतिका का संगान किया गया।

व्याख्यान के बाद महिला मंडल की ओर से एक घंटे तक “ॐ भिक्षु जय भिक्षु” का जाप किया गया। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, युवक परिषद के पदाधिकारी एवं सदस्य, साथ ही समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल से प्रभा घोड़ावत भी विशेष रूप से शामिल हुईं।

कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल उपाध्यक्ष मधु झाबक ने किया। रात्रि 8 बजे से युवक परिषद की ओर से आज धम्म जागरण का आयोजन होगा।
