वन विभाग ने फेंसिंग और बूंद-बूंद सिंचाई से की सुरक्षा, अमरूद-जामुन समेत फलदार पौधों का चयन
NEXT 18 जून, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बीकानेर वनमंडल की श्रीडूंगरगढ़ रेंज के अंतर्गत तोलियासर गांव में बुधवार को मियावाकी पद्धति से सघन पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ‘वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान’ के तहत हुए इस कार्यक्रम में अमरूद, जामुन, इमली, आंवला और शहतूत जैसे फलदार वृक्षों की कुल 400 पौधे रोपे गए।

‘बाल वाटिका’ नाम से विकसित होगा स्थल
इस पौधरोपण की खास बात रही कि गांव की बालिकाओं ने इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी खुद ली है। इसी वजह से इस स्थल को ‘बाल वाटिका’ नाम दिया गया है। बालिकाएं नियमित रूप से पौधों की देखरेख करेंगी और उनके समुचित विकास पर ध्यान देंगी।

जल संरक्षण की मिसाल बनेगा यह स्थल
सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह ने बताया कि पौधों की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए फेंसिंग की गई है और बूंद-बूंद सिंचाई व्यवस्था भी लागू की गई है। इससे पानी की बचत होगी और पौधों को पर्याप्त नमी भी मिलती रहेगी।
तेजी से पेड़ों का रूप लेंगे पौधे
सत्यपाल सिंह ने बताया कि मियावाकी पद्धति से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और जल्द ही वृक्षों का रूप ले लेते हैं। इस प्रयास का मकसद ग्रामीण क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ाना, पर्यावरण संतुलन बनाए रखना और जैव विविधता को प्रोत्साहित करना है।
टीम ने निभाई जिम्मेदारी
कार्यक्रम में वन विभाग की टीम सक्रिय रही। सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह, रेंज अधिकारी सुभाष चंद्र वर्मा, सहायक वनपाल राजू सेवग, रामकुमार, वनरक्षक राजेन्द्र बारोठिया, गिरधारी मदेरणा, सुभाष, द्रोपती, तकनीशियन लालचंद और वाहन चालक रोहिताश मौके पर मौजूद रहे।
ग्रामीण जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बल
वन विभाग की यह पहल सामुदायिक सहभागिता का बेहतर उदाहरण है। इससे ग्रामीणों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और सतत विकास की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।