NEXT 17 जनवरी, 2025। राजस्थान सरकार ने पिछले एक सप्ताह में 450 हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया है। इनमें 260 स्कूलों को हाल ही में बंद किया गया है, जबकि इससे पहले 190 स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया था। बंद किए गए स्कूलों में से कई को पास के दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है।
स्कूल बंद करने का कारण
शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम थी या जीरो थी, उन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने गुरुवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी किया। 200 प्राथमिक और उच्च प्राइमरी स्कूलों को छात्र संख्या शून्य मानते हुए बंद कर दिया गया और आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज कर दिया गया।
कई जिलों के स्कूल प्रभावित
जयपुर, अजमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, जोधपुर, डूंगरपुर समेत राज्य के कई जिलों के स्कूल बंद किए गए। अजमेर, कोटा, अलवर और उदयपुर समेत 33 जिलों के स्कूल इस फैसले से प्रभावित हुए हैं।
महिला शिक्षा पर असर
कुछ स्कूलों में छात्राओं की संख्या 300 तक होने के बावजूद उन्हें बंद कर बॉयज स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। बीकानेर में भाजपा विधायक अंशुमान सिंह भाटी के घर के सामने स्थित बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल को भी बंद कर दिया गया है, जिसे लेकर स्थानीय लोग विरोध जता रहे हैं।
अंग्रेजी माध्यम स्कूल अप्रभावित
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रियों की एक समिति बनाई थी, लेकिन अब तक किसी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को बंद नहीं किया गया है। वहीं, हिंदी माध्यम के 450 से अधिक स्कूलों पर ताले लगा दिए गए हैं।
विवाद और सवाल
सरकार के इस फैसले पर सामाजिक और राजनीतिक आलोचना हो रही है। हिंदी माध्यम के स्कूलों को बंद करने से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
राजस्थान में 450 हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूल बंद, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल अप्रभावित

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