मालू भवन में साध्वी संगीतश्री व साध्वी परमप्रभा का सान्निध्य, श्रद्धा व भक्ति का माहौल
NEXT 30 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टम आचार्य कालूगणी का 90वां निर्वाण दिवस शनिवार को सेवा केंद्र मालू भवन में मनाया गया। साध्वी संगीतश्री व डॉ. साध्वी परमप्रभा के सान्निध्य में हुए इस कार्यक्रम में श्रद्धा और भक्ति का भावपूर्ण वातावरण रहा।

साध्वी संगीतश्री ने प्रवचन में कहा कि आचार्य कालूगणी का 27 साल का आचार्य काल स्वर्णिम युग था। शिक्षा, सेवा, साधना और साहित्य सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई। संस्कृत, चित्रकला व सूक्ष्म लिपिकला में उनके योगदान के साथ-साथ नए विहार क्षेत्रों की खोज कर धर्मप्रचार किया।

उन्होंने कहा कि उनकी वाणी इतनी प्रभावशाली थी कि विरोधी भी प्रभावित हो जाते थे। कालूगणी ने संघ को आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जैसे रत्न दिए, जो जैन समाज के लिए अमिट प्रेरणा बने।
कार्यक्रम में तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, किशोर मंडल व कन्या मंडल सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। सुमित बरडिया ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया, वहीं मंजू झाबक व सुमन पुगलिया ने अपने विचार रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
