NEXT 21दिसम्बर, 2024। श्रीडूंगरगढ़ सहित पूरे क्षेत्र में सर्दी का असर तेजी से बढ़ रहा है। लगातार गिरते तापमान और बढ़ती धुंध ने जनजीवन को प्रभावित किया है। आज सुबह सीजन की पहली गहरी धुँध छाई रही। धुंध के कारण दृश्यता 10फ़ीट की रही। सुबह और रात के समय ठंड अधिक तीव्र हो रही है, जिससे विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सर्दी के कारण होने वाले प्रभाव:
- यातायात पर असर: घने कोहरे के कारण वाहनों की दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। धीमी गति से चलने के बावजूद यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- फसल पर प्रभाव: सर्दी का सीधा असर रबी की फसलों पर देखने को मिल रहा है। हालांकि गेंहू, चना, और सरसों जैसी फसलों के लिए यह मौसम फायदेमंद है, लेकिन पाला पड़ने की स्थिति में फसलों को नुकसान हो सकता है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: ठंड के कारण सर्दी, खांसी, बुखार और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। डॉक्टरों ने सुबह की ठंड से बचने और गर्म कपड़ों का उपयोग करने की सलाह दी है।
बचाव के उपाय:
- गर्म कपड़े पहनें और शरीर को ढक कर रखें।
- सुबह और रात के समय बाहर जाने से बचें।
- गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें, जैसे अदरक वाली चाय या हल्दी वाला दूध।
- यदि घर में हीटर या ब्लोअर का उपयोग कर रहे हैं, तो वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
- वाहन चलाते समय हेडलाइट्स और फॉग लाइट्स का उपयोग करें।
सरकारी और संस्थागत सहयोग:
सर्दी के इस मौसम में खासतौर पर गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए कंबल वितरण और रैन बसेरों की व्यवस्था को बढ़ावा देना जरूरी है। सरकारी और सामाजिक संस्थाएं इस दिशा में पहल कर सकती हैं।