NEXT 10 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। गुरुवार को आषाढ़ी पूर्णिमा के अवसर पर सेवा केंद्र मालू भवन में तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में हुआ। आयोजन में साध्वी संगीतश्री और डॉ. साध्वी परमप्रभा का सान्निध्य रहा।

कार्यक्रम में साध्वी संगीतश्री ने कहा कि “गुरु का स्थान भगवान से ऊपर है। भारतीय संस्कृति में गुरु सर्वोपरि हैं। आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ की स्थापना अहंकार और ममकार के विसर्जन के रूप में की थी। संयम की मशाल लेकर चलना और जनहित में मार्गदर्शन करना गुरु का स्वभाव है।” साध्वी डॉ. परमप्रभा ने कहा कि “आचार्य भिक्षु ने धर्म को त्याग, अहिंसा और मैत्री से जोड़ा। तेरापंथ केवल परंपरा नहीं, बल्कि दर्शन और सिद्धांत का जीवन्त प्रतीक है। उनका चरित्र महान, इरादे अटल और उद्देश्य स्पष्ट थे।”

कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल की उर्मिला गिया द्वारा मंगलाचरण से हुई। इसके बाद साध्वी सम्पतप्रभा, साध्वी कर्त्तव्ययशा, साध्वी मुदिताश्री, साध्वी शांतिप्रभा और साध्वी कमलविभा ने अपने उद्बोधन से तेरापंथ दर्शन को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया।
सभा मंत्री प्रदीप पुगलिया, महिला मंडल से मंजू झाबक, तेयुप के सहमंत्री सुमित बरड़िया और संतोष देवी संचेती ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल की ओर से भक्ति गीतिका भी प्रस्तुत की गई, जिसे सभी ने सराहा। कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल मंत्री अंबिका डागा ने किया। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।