रामदेवरा में बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन के बाद 3 सितम्बर को माँ के दरबार में होंगे जोत दर्शन
NEXT 12 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। भारत-पाक सीमा पर स्थित चमत्कारी देवी माँ तनोट राय के दरबार के लिए याराना पैदल यात्री संघ की चौथी फेरी इस बार 22 अगस्त को देराजसर-दुलचासर से रवाना होगी। संघ के सदस्य स्वस्थ राष्ट्र – सुरक्षित राष्ट्र का संदेश लेकर करीब 600 किमी की कठिन यात्रा तय करेंगे।
संघ के सचिव डॉ. जे. पी. चौधरी ने बताया कि यात्रा 22 अगस्त को शाम 6:15 बजे प्रारंभ होगी। पदयात्री पहले 29 अगस्त को रामदेवरा पहुँचकर बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करेंगे और फिर 3 सितम्बर को माँ तनोट राय मंदिर पहुँचकर जोत दर्शन करेंगे।
तैयारियों में जुटे कार्यकर्ता
संघ के अध्यक्ष भगवान नाई ने बताया कि 11 जुलाई को हुई बैठक में यात्रा की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। बैठक में हंसराज महिया, गणेश भादू, गौरीशंकर सुथार, मनोज नाई सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
तनोट राय: सीमा पर आस्था की अटूट मिसाल
- माँ तनोट राय का मंदिर जैसलमेर से 122 किमी दूर पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है।
- 1965 और 1971 के युद्ध में यहाँ गिरे सैकड़ों बम निष्क्रिय हो गए।
- आज भी वे बम मंदिर में प्रदर्शनी में रखे गए हैं।
- BSF (सीमा सुरक्षा बल) माँ तनोट राय को अपनी आराध्य देवी मानती है।
देश की रक्षा में भी माँ का आशीर्वाद
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी और रक्षा मंत्री भी समय-समय पर माँ के दरबार में धोक लगाने आते हैं। माँ के चमत्कारों की गूंज देश की सीमाओं से लेकर जन-जन की आस्था तक पहुँची है।