NEXT 20 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे-11 पर सफर करना इन दिनों मुसाफिरों के लिए जोखिम भरा बन गया है। बरसात के बाद हाइवे के किनारों पर गहरे खड्डे बन गए हैं, जो रात के समय दिखाई नहीं देते और कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। हाईवे निर्माण कंपनी की लापरवाही से यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।

कटाव ऐसे कि दिखे नहीं और गाड़ी सीधे खड्डे में
हाइवे के दोनों तरफ बरसात के पानी से मिट्टी धंस चुकी है। वाहन चालकों का कहना है कि रात को जब दो भारी गाड़ियां आमने-सामने आती हैं, तब साइड लेते वक्त वाहन खड्डे में गिर सकते हैं। सड़क के टूटने का भी खतरा लगातार बना हुआ है।

विधायक सारस्वत ने पहले ही चेताया था
कुछ दिन पहले ही श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचन्द सारस्वत ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर हाइवे पर सड़क सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करने की मांग की थी। पत्र में साफ कहा गया था कि हाइवे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने से मुसाफिरों की जान जोखिम में है।

गश्त होती है, जिम्मेदार गुजरते हैं, फिर भी बेपरवाह
रोजाना हाईवे निर्माण कंपनी की गश्ती गाड़ियां और अधिकारी इसी मार्ग से गुजरते हैं। बावजूद इसके न तो खड्डों को भरा गया, न कोई चेतावनी संकेत लगाए गए। कहीं-कहीं रस्सी बांधकर इतिश्री कर दी गई है।
टोल वसूली में आगे, सुरक्षा में पीछे
वाहन चालकों ने कहा कि हाइवे कंपनी टोल वसूलने में तो सक्रिय है लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह है। ऐसा लगता है जैसे कंपनी या तो किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है या फिर मानसून के गुजरने का।
स्थानियों की मांग: खतरा टालो, लापरवाही बंद हो
मुसाफिरों और आमजन ने कंपनी और प्रशासन से मांग की है कि सड़क किनारों पर बने खड्डों को तुरंत भरा जाए। चेतावनी बोर्ड और रिफ्लेक्टर लगाए जाएं। सड़क की जल्द मरम्मत कर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
सवाल यह है कि जब जनप्रतिनिधि भी अलर्ट कर चुके हैं, तब भी जिम्मेदार आखिर चुप क्यों हैं? क्या किसी जान की कीमत पर ही होगा सुधार?
(सभी फ़ोटो: गौरीशंकर शर्मा, सातलेरा)