NEXT 1 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। 16 साल पुराने चर्चित सुडसर दोहरे हत्याकांड में श्रीडूंगरगढ़ सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए गोपालराम सहित 9 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर ₹20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। मामला 25 मई 2009 की रात का है, जब ज़मीन विवाद को लेकर एक ही परिवार पर जानलेवा हमला किया गया था।
रात 1 बजे घर में घुसकर लाठी-सरियों से हमला, दो की मौत
श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के सुडसर गांव में 25 मई 2009 की रात करीब 1 बजे आरोपी गोपालराम अपने अन्य साथियों के साथ परिवादी जगदीश के घर में घुसा। सभी के हाथों में लाठियां, सरिए और धारदार हथियार थे। आरोपियों ने घर में मौजूद सूरजाराम, मदनलाल, सीमा, जगदीश और अन्य पर बेरहमी से हमला कर दिया। हमले में सूरजाराम और मदनलाल की मौत हो गई, जबकि जगदीश और सीमा गंभीर रूप से घायल हो गया।
तीन बार चार्जशीट, 22 गवाह पेश, 51 दस्तावेज रिकॉर्ड में
मामले में पुलिस ने समय-समय पर तीन बार चार्जशीट पेश की। अभियोजन पक्ष ने 22 गवाहों के बयान दर्ज करवाए और कुल 51 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रस्तुत किया। चिकित्सा रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट, बरामद हथियार और नक्शे आदि को सबूत के रूप में पेश किया गया।
16 साल बाद आया न्याय, सभी 9 आरोपी दोषी करार
करीब 16 साल तक मामला बीकानेर के सत्र न्यायालय में विचाराधीन रहा। 1 अगस्त 2025 को एडीजे सरिता नौशाद ने फैसला सुनाते हुए सभी 9 आरोपियों गोपालराम, नंदराम, लाछ्छी देवी, भगवानाराम, रामप्रताप, गोमती, हुकमाराम, श्रीराम व हीराराम को दोषी ठहराया।
सरकारी और परिवादी पक्ष की दलीलें मजबूत रहीं
सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सोहन नाथ सिद्ध ने सशक्त पैरवी की, जबकि परिवादी जगदीश की ओर से अधिवक्ता बाबूलाल दर्जी ने तथ्यों और गवाहों के आधार पर अदालत को आश्वस्त किया।
कोर्ट की टिप्पणी:
एडीजे सरिता नौशाद ने अपने निर्णय में कहा कि सभी आरोपी पूर्व नियोजित रूप से सशस्त्र होकर घटना स्थल पर पहुंचे और संगठित रूप से हमला किया। यह न केवल गंभीर अपराध था, बल्कि समाज में भय पैदा करने वाला कृत्य भी था, जिस पर कठोर सजा देना जरूरी है।