पारिवारिक वानिकी दिवस पर महिलाओं-बच्चों ने लिया पेड़ लगाने का संकल्प, गाँव बना सामूहिक भागीदारी का मॉडल
NEXT 4 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बीकानेर के लोढ़ेरा गाँव में सोमवार को पारिवारिक वानिकी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। गाँव के चौधरी चरण सिंह स्मृति वन में हुए इस आयोजन में पर्यावरणविद् प्रो. श्यामसुन्दर ज्याणी के मार्गदर्शन में “घर-घर सहजन अभियान” की शुरुआत हुई।

इस कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- हर घर तक पहुँचे सहजन:
देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी जन पौधशाला में उगे सहजन के पौधे गाँव की महिलाओं और बच्चों को “जसनाथ रूँख प्रसाद” के रूप में बांटे गए। - थीम रही “एक पेड़ माँ के नाम”
गाँववालों ने माँ के नाम एक पेड़ लगाकर भावनात्मक जुड़ाव और प्रकृति के प्रति आस्था जताई। - पूरे गाँव ने निभाई भूमिका:
आयोजन में किसी एक संस्था या व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे गाँव की भागीदारी रही। यह पहल अब अन्य गाँवों के लिए प्रेरणा बन गई है।
युवाओं ने संभाली कमान
मोमासर के प्रह्लाद भाम्भू ने अपने खेत में “चौधरी चरण सिंह जन पौधशाला” शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से पेड़ लगाओ – जीवन बचाओ के मिशन से जुड़ने की अपील की।

जर्मन मीडिया की भी पड़ी नजर
ग्राम्य स्तर पर हुए इस आयोजन की गूंज विदेश तक पहुँची। जर्मनी की प्रतिष्ठित मीडिया एजेंसी ‘Deutsche Welle’ (DW) ने आयोजन का डॉक्यूमेंटेशन किया और इसे अपनी आगामी पर्यावरणीय डॉक्यूमेंट्री में शामिल करने की योजना बनाई है।
मुख्य आकर्षण
यह सिर्फ पौधारोपण नहीं था, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और वैज्ञानिक सोच का संगम था।
लोढ़ेरा ने दिखाया कि गाँव एकजुट हो तो हरियाली सिर्फ सपना नहीं, हकीकत बन सकती है।
यह पहल आजीविका, पोषण सुरक्षा और जलवायु संतुलन की दिशा में ठोस कदम है।