NEXT 22 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अब नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाना जरूरी नहीं होगा। इसके साथ ही खराब और जले हुए मीटरों की जगह भी फिलहाल सामान्य (नॉन-स्मार्ट) मीटर ही लगाए जाएंगे। बिजली वितरण कंपनियों ने 20 अगस्त को इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
नई गाइडलाइन के मुताबिक जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हो चुका है या चल रहा है, वहां नए कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर ही लगाए जाएंगे और खराब मीटर भी स्मार्ट मीटर से ही बदले जाएंगे। लेकिन जहां रोलआउट शुरू नहीं हुआ है, वहां उपभोक्ताओं को फिलहाल पुराने मीटर ही मिलेंगे।
डिस्कॉम्स की चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर (AMISP) के पास सीमित स्टाफ और मीटर की कमी की वजह से नए कनेक्शन जारी करने और खराब मीटर बदलने का काम प्रभावित हो रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए फिलहाल नियमों में संशोधन किया गया है। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक स्मार्ट मीटर का रोलआउट सुचारू रूप से शुरू नहीं हो जाता।
बिजली निगम ने उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह भी साफ किया है कि शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर खराब मीटर बदलना अनिवार्य होगा। अगर दो महीने के भीतर मीटर नहीं बदला जाता है तो उपभोक्ता को बिजली बिल पर पांच फीसदी की छूट दी जाएगी और इस राशि की वसूली संबंधित अधिकारी से की जाएगी।
इधर, श्रीडूंगरगढ़ सहित प्रदेश में स्मार्ट मीटर का विरोध भी लगातार बढ़ रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि इन मीटरों के लगने के बाद बिल कई गुना बढ़ गए हैं और हर महीने चार्ज भी बिना वजह बढ़ता जा रहा है। प्रीपेड सिस्टम की वजह से बार-बार रिचार्ज कराना पड़ता है और तकनीकी खराबी से बिजली गुल रहने की समस्या भी सामने आ रही है। लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग ने बिना सहमति और पारदर्शिता के स्मार्ट मीटर जबरन लगाए, जिसकी वजह से आम उपभोक्ता अब महंगे बिल और रिचार्ज की दिक्कत झेल रहा है।