NEXT 12 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र की एक विवाहिता ने अपने पति व ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट और स्त्रीधन हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता गायत्री उर्फ भगवती पत्नी उमेश कुमार ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अधिवक्ता दीपिका करनाणी के द्वारा परिवाद पत्र पेश कर न्याय की गुहार लगाई है।
विवाहिता का आरोप है कि उसकी शादी 10 जुलाई 2016 को जालौर जिले के नौरवा निवासी उमेश से हुई थी। शादी में मायके वालों ने सोने-चांदी के आभूषण, नकद 2 लाख रुपये, 1 लाख की एफडीआर और घरेलू सामान सहित पर्याप्त दहेज दिया था। यह सब स्त्रीधन पति उमेश, ससुर मंगलसिंह, सास विमला देवी, ननद शोभना व देवर गजेन्द्रसिंह को सम्भालया गया था।
पीड़िता का कहना है कि विवाह के बाद ससुराल पक्ष ने 5 लाख रुपये नकद और एक कार की मांग शुरू कर दी। मांग पूरी नहीं होने पर उसे प्रताड़ित किया गया। आरोप है कि कई बार उसे कमरे में बंद कर दिया गया और नौकरानी की तरह काम करवाया गया।
विवाहिता ने बताया कि 22 जून 2018 को उसने पुत्री को जन्म दिया, जिसके बाद उत्पीड़न और बढ़ गया। ससुराल वाले उसे “अपशकुनी” कहकर ताने देने लगे और कहा कि बेटा न होने से उनकी नाक कट गई।
परिवाद पत्र में लिखा है कि करीब चार साल पहले उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। बाद में समझाइश पर वह ससुराल लौट गई, लेकिन फिर दो साल पहले फिर से मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया गया और कहा गया कि “बिना कार और 5 लाख रुपये के वापस मत आना”। तब से पीड़िता अपने मायके में रह रही है।