NEXT 18 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत कितासर बिदावतान में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर ने किसानों के लिए बड़ी राहत दी। वर्षों से खाता बंटवारे की समस्या झेल रहे किसान बद्रीराम नाई (उम्र 60) और उनके परिवार का मामला शिविर में ही निपट गया।

बद्रीराम और उनके तीन भाइयों की संयुक्त खातेदारी थी। परिवार बड़ा होने और खेती-किसानी के तौर-तरीके बदलने के बावजूद ज़मीन का दाखिला अभी तक साझा था। इससे फसल बीमा, सरकारी सब्सिडी, कर्ज और अन्य योजनाओं में बार-बार अड़चनें आ रही थीं।
बार-बार की टालमटोल से थक चुके थे
किसान बद्रीराम बताते हैं कि “हर बार खाता बंटवारे की मांग तो उठी, लेकिन कभी सहमति नहीं बनी और कभी दफ्तरों के चक्कर में काम अटक गया। हमें लगा ये मामला आसानी से सुलझने वाला नहीं है।”
शिविर में ही मिली राहत
इस बार ग्रामीण सेवा शिविर के दौरान उपखंड अधिकारी शुभम शर्मा और राजस्व विभाग की टीम गांव पहुंची। अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि सहमति होने पर खाता बंटवारा अब गांव में ही निपट जाएगा, कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
बद्रीराम और उनके भाइयों ने आपसी सहमति से लिखित मांग पेश की। पटवारी ने मौके पर ही कार्रवाई शुरू की और परिवार के चारों भाइयों को अलग-अलग खातेदारी भूमियां मिल गईं।
नतीजे साफ नजर आए
- सभी भाइयों को अब अपनी जमीन पर स्वतंत्र हक मिला।
- खेती-किसानी से जुड़े कर्ज, सिंचाई व प्रधानमंत्री किसान निधि जैसी योजनाओं का अलग-अलग लाभ मिल सकेगा।
- परिवार में आपसी प्रेम और संतोष बढ़ा।
बद्रीराम खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि पहले तो लगता था खाता बंटवारा मतलब झगड़ा और राड़। लेकिन अब समझ आया कि सहमति से काम राजी-खुशी भी हो सकता है। आज मनचाही इच्छा पूरी हुई है।
यह उदाहरण साबित करता है कि सही जानकारी और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन से कोई भी सरकारी या सामाजिक काम बेहद सरलता से निपट सकता है।
