NEXT 26 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। अपर सेशन न्यायालय श्रीडूंगरगढ़ की अदालत ने एक पुराने मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
मामला 1 अप्रैल 2011 का है। मोमासर निवासी रामस्वरूप पुत्र केशराराम पर आरोप था कि उसने एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, जिसके बाद नाबालिग ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने रामस्वरूप के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
सुनवाई के दौरान परिवादी पक्ष ने आरोपों को सही बताते हुए सजा की मांग की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट गोपीराम जानू और एडवोकेट अबरार मोहम्मद ने आरोपी की ओर से पैरवी करते हुए 18 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को प्रमाणित नहीं कर सका। इस पर न्यायालय ने रामस्वरूप को संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।















