NEXT 18 अक्टूबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। रामसा पीर शिक्षण संस्थान, झंझेऊ में श्री क्षत्रिय युवक संघ का सात दिवसीय शिविर 12 से 18 अक्टूबर तक आयोजित हुआ। शिविर में बीकानेर संभाग सहित विभिन्न जिलों से पहुंचे 85 शिविरार्थियों ने सामूहिक जीवन, अनुशासन और संस्कारमयी कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण लिया।

समापन अवसर पर संघ के केंद्रीय कार्यकारी गजेन्द्र सिंह आऊ ने कहा कि सात दिनों तक सामूहिक अभ्यास के माध्यम से क्षत्रियोचित जीवन जीने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ है। संघ का उद्देश्य सद्गुणों का विकास और दुर्गुणों का विनाश करना है। उन्होंने कहा कि श्री क्षत्रिय युवक संघ पिछले करीब 80 वर्षों से समाज में संस्कार निर्माण का कार्य निरंतर कर रहा है।
गजेन्द्र सिंह ने कहा कि “हमारे ऐतिहासिक महापुरुषों का जीवन हमारा प्रेरणास्रोत है। त्याग की परंपरा हमें अपने पूर्वजों से मिली है। हमें शारीरिक, ईष्ट व मानसिक बल को मजबूत रखते हुए व्यक्तिगत हितों को समाज हित में बदलना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि संघ की शिक्षा केवल शब्दों में नहीं, बल्कि व्यवहार में दिखनी चाहिए। इसके लिए शाखाओं और शिविरों से निरंतर जुड़े रहना आवश्यक है।

शिविर के दौरान 17 अक्टूबर को संघ के द्वितीय संघप्रमुख श्रद्धेय आयुवान सिंह हुडील की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर गजेन्द्र सिंह आऊ ने उनके जीवन परिचय और समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला तथा कहा कि वे सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे।
शिविर में झंझेऊ, पुन्दलसर, लखासर, धर्मास, मिंगसरिया, नोखागांव, श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर शहर, पेथड़ासर, कोलासर, धूपालिया, हिसार (हरियाणा), चूरू, जयपुर, सीकर, जैसलमेर और नागौर सहित अनेक स्थानों से स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
बीकानेर संभाग प्रमुख रेवंत सिंह जाखासर अपने सहयोगियों के साथ शिविर में उपस्थित रहे। आयोजन की व्यवस्थाएं झंझेऊ ग्रामवासियों के सहयोग से संपन्न हुईं।















