NEXT 26 अक्टूबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के सैकड़ों पशुपालक लंबे समय से यहां स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय को बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने की मांग कर रहे हैं। पशुपालकों का कहना है कि विशाल ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद वर्तमान पशु चिकित्सालय में संसाधन, उपकरण और कार्मिकों की भारी कमी है, जिससे पशुपालकों को समय पर उपचार और आपात सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र में पशुधन की सुरक्षा बड़ी चुनौती
श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में ऊंट, गाय, भेड़, बकरी जैसे पशुओं की संख्या बहुत अधिक है। यहां का अधिकांश समुदाय पशुपालन पर निर्भर है। सीमावर्ती इलाका होने के कारण पशुधन की सुरक्षा, रोग नियंत्रण और आपातकालीन पशु चिकित्सा सेवाएं हमेशा जरूरी रहती हैं।
“उन्नत सेवाएं मिलेंगी तो बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन”
आपणो गांव श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति के अध्यक्ष जतन सिंह ने बताया कि यदि प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय को बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जाता है तो ग्रामीण क्षेत्र में उन्नत चिकित्सा सेवा, टीकाकरण, रोग निदान, दवा वितरण और दुग्ध उत्पादन संवर्धन जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
सेवा समिति ने पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत से निवेदन किया है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, सीमावर्ती संवेदनशीलता और पशुधन की अधिकता को देखते हुए श्रीडूंगरगढ़ के इस प्रमुख पशु चिकित्सालय को जल्द ही बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जाए।
इस दौरान समिति अध्यक्ष जतन सिंह, पूर्व अध्यक्ष मनोज डागा, राज कुमार प्रजापत, जय धरू, सत्यनारायण टाक, मदन सोनी, प्रवीण पालीवाल, भीकमचंद सुथार, मनोज कायल, साँवरमल प्रजापत आदि मौजूद रहे।















