हवन, गौ पूजन, गौ आरती और दीपदान के साथ हुआ भव्य आयोजन, दानदाताओं ने बढ़-चढ़कर की गौसेवा
NEXT 31 अक्टूबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। गांव की श्री करणी गौशाला में गुरुवार को गोपाष्टमी महोत्सव बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह पंडित विजय कुमार जाजड़ा (दुलचासर) ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन कर कार्यक्रम की शुरुआत कराई।

गौशाला परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। संतों के आगमन पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। राष्ट्र संत रामेश्वरानंद महाराज (सागर, बीकानेर) ने प्रवचन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन प्रथम बार गौ-चारण किया था, इसलिए यह दिन गौमाता की आराधना का प्रतीक है।

महंत स्वामी सत्यानंद गिरी महाराज ने कहा कि गौ माता धर्म की धुरी हैं, सनातन परंपरा में उनका स्थान सर्वोच्च है। ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम, सागर के आशीष महाराज ने भी सत्संग में श्रद्धालुओं को धर्म और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

पंडित पंकज कुमार पुरोहित सहित 11 विद्वान पंडितों ने एक साथ वैदिक रीति से गोपाल सहस्त्रनाम पाठ किया। पूरे दिन गौशाला परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
सांध्य बेला में पूज्य संत धरानंद सरस्वती महाराज (सागर) के सान्निध्य में दीपदान हुआ। गौ आरती में दूर-दराज से आए भक्तों ने भाग लिया। गौशाला कमेटी द्वारा आए हुए अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।

दानदाताओं और ग्रामवासियों ने सामूहिक रूप से गौ पूजन कर गौसेवा हेतु राशि समर्पित की। गांव के युवाओं ने भी श्रमदान कर गौशाला परिसर में सेवा कार्यों में सहयोग दिया।

गौशाला समिति के सदस्यों ने बताया कि गोपाष्टमी का यह पर्व ग्राम की आस्था, संस्कार और सनातन परंपरा का प्रतीक बन चुका है, जो हर वर्ष समाज को धर्म और सेवा की प्रेरणा देता है।















