31 अक्टूबर 2023 तक जहां OPS लागू थी, वहीं जारी रहेगी; गैर-अनुदानित संस्थाओं को खुद जुटाना होगा फंड, सरकार नहीं देगी पैसा
NEXT 27 नवम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कर्मचारी संगठनों में फैली आशंकाओं के बीच वित्त विभाग ने साफ कर दिया है कि राज्य के बोर्ड, निगम, यूनिवर्सिटी और स्वायत्त संस्थाओं में जहां OPS पहले से लागू है, उसे बंद नहीं किया जाएगा। ऐसी सभी जगहों पर कर्मचारी भविष्य में भी OPS का फायदा लेते रहेंगे।
पूरी तरह अनुदानित संस्थाएं- OPS पहले जैसा जारी
- जो संस्थाएं 100% सरकारी अनुदान पर चल रही हैं, उनमें OPS पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
- OPS पहले की तरह लागू रहेगी और पेंशन का भुगतान भी सरकार ही करेगी।

गैर- अनुदानित संस्थाओं को खुद करना होगा इंतजाम
वित्त विभाग के ताजा आदेश के मुताबिक-
- जो बोर्ड, निगम, यूनिवर्सिटी और संस्थाएं पूरी तरह सरकार पर निर्भर नहीं हैं,
उन्हें OPS जारी रखने के लिए अपने स्तर पर फंड अरेंज करना होगा। - सरकार इन संस्थाओं को कोई अतिरिक्त आर्थिक मदद नहीं देगी।
- इसका सीधा असर उन सहकारी संस्थाओं और निगमों पर पड़ेगा जो पहले से आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
जिन्होंने OPS के विकल्प पत्र भरवा लिए थे, वे पैसा होने पर लागू कर सकेंगे
- कई संस्थाओं ने कर्मचारियों से पहले ही OPS विकल्प पत्र और निर्धारित राशि जमा करवा ली थी, लेकिन पेंशन शुरू नहीं की थी।
- आदेश में कहा गया है कि जब संस्थाओं की वित्तीय स्थिति मजबूत हो जाएगी, वे OPS लागू कर सकती हैं।
फंड नहीं तो NPS का विकल्प खुला
9 अक्टूबर के सर्कुलर में वित्त विभाग ने खराब आर्थिक हालात वाली संस्थाओं को बड़ी छूट दी थी-
- अगर किसी संस्था के पास OPS का खर्च उठाने लायक पैसा नहीं है,
तो वह NPS लागू कर सकती है। - यह छूट सिर्फ उन्हीं संस्थाओं के लिए है जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं।
- जिन संस्थाओं की वित्तीय स्थिति ठीक है, वे OPS बंद नहीं कर सकेंगी।
कर्मचारियों में फैल रही आशंकाओं के बाद आदेश हुआ साफ
अक्टूबर के आदेश के बाद कई संस्थाओं के कर्मचारी डर रहे थे कि
“खराब आर्थिक स्थिति” का हवाला देकर उनकी OPS बंद न कर दी जाए।
अब नए आदेश के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है:
- OPS जहां लागू है, वहीं लागू रहेगी।
- गैर-अनुदानित संस्थाओं को केवल फंड का बोझ खुद उठाना होगा।

















