NEXT 12 दिसंबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। 10 साल पुराने 440 ग्राम अफीम बरामदगी प्रकरण में ADJ सरिता नौशाद की अदालत ने आरोपी नारायणराम बिश्नोई (निवासी धोलेरिया सासन, रोहट–पाली) को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह असफल रहा, इसलिए आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाता है।
बस स्टैंड पर 2015 में हुई थी कार्रवाई
घटना 8 मई 2015 की है। तोलियासर बस स्टैंड पर तत्कालीन एसएचओ ने कार्रवाई करते हुए नारायणराम को 440 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज हुआ था।
सबूतों में विरोधाभास, प्रक्रिया में खामियां
सुनवाई के दौरान अभियुक्त के अधिवक्ता एडवोकेट राधेश्याम दर्जी ने दलील दी कि पुलिस कार्रवाई में गंभीर प्रक्रियागत त्रुटियां हुईं और जब्ती के सबूत मजबूत नहीं हैं। अदालत ने माना कि अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि अफीम वाकई आरोपी के कब्जे से ही मिली थी।
राधेश्याम दर्जी व गोपाल पारीक ने की पैरवी
अभियुक्त की ओर से एडवोकेट राधेश्याम दर्जी और एडवोकेट गोपाल पारीक ने पैरवी की। उन्होंने कहा कि पूरी कार्रवाई शक के दायरे में है और कोई भी साक्ष्य आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है।
कोर्ट ने कहा- आरोप संदेह से परे साबित नहीं
फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि अभियोजन ने संदेह से परे प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। इसलिए आरोपी को दोषमुक्त किया जाता है।















