NEXT 10दिसम्बर 2024 | इस पूरी स्थिति का विवरण स्पष्ट रूप से मध्य-पूर्व में राजनीतिक और सैन्य परिस्थितियों के बदलते परिदृश्य को दर्शाता है। विद्रोही गुटों द्वारा सीरिया की राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण और राष्ट्रपति बशर अल-असद का देश छोड़कर भागना, एक ऐतिहासिक और निर्णायक घटना है।
यह स्पष्ट है कि सीरिया में लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने देश की स्थिति को जटिल और अस्थिर बना दिया है। यहां मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है:
- तानाशाही का अंत: 54 साल तक असद परिवार का शासन खत्म हो गया है, जो अरब स्प्रिंग की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण घटना है।
- विद्रोही गुटों का उदय: हयात तहरीर अल-शाम जैसे विद्रोही गुटों ने असद सरकार को उखाड़ फेंका, लेकिन इन गुटों की प्रकृति और कट्टरपंथी पृष्ठभूमि भविष्य के लिए चिंताजनक हो सकती है।
- अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: रूस और ईरान जैसे सहयोगियों के कमजोर होने से क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ रहा है। इजराइल और तुर्किये की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है।
- भारत पर प्रभाव: इस अस्थिरता का असर भारत पर भी हो सकता है, विशेष रूप से मध्य-पूर्व में काम करने वाले भारतीयों और कूटनीतिक संबंधों पर।
- आगामी परिदृश्य: सीरिया में स्थिरता की संभावना फिलहाल कम दिखती है। नई सरकार का गठन और अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।