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भूमि हड़पने का बड़ा मामला: 50 नामजद पर कूटरचित दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने का आरोप, सरकारी मुलाजिम भी आरोपी

By Next Team Writer

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NEXT 1 मार्च, 2025। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के रिटायर्ड मास्टर सोहनलाल जाट पुत्र रुघाराम जाट निवासी बेनिसर ने 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है जिसमें लखासर के 19, देशनोक के 22, छतरगढ़ के 5, जायल के 1, बीकानेर के 3 लोगों कूटरचित दस्तावेज तैयार करके 50 बीघा जमीन हड़पने का आरोप लगाया है।
प्रार्थी सोहनलाल जाट ने छत्तरगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज करवाते हुए पुलिस को बताया कि उसके माता पिता पशुपालन का कार्य करते थे। और पशुओं को चराने के लिए अन्य गांवों में भी जाते रहते थे। प्रार्थी ने बताया कि उसके माता सुगनी देवी और पिता रुघाराम सन 1970-71 में देशनोक पशु पालन के लिए गए थे और वहां कुछ समय प्रवास भी किया था। उस वक्त मेरी माता को देशनोक के गांव सरदारपुरा में 31 अगस्त, 1971 को 50 बीघा बारानी कृषि भूमि आवंटित हुई थी, जिसका खसरा नम्बर 221 था। इसके बाद सन 1973 में उनके नाम से पासबुक भी जारी हो गई थी।
प्रार्थी ने बताया कि सन 1973 में इंतकाल भी दर्ज हुआ था। जिसके द्वारा माता को गैर खातेदारी का हक प्राप्त हुआ था। इसके बाद मेरी माता को खातेदारी अधिकार भी दिए गए। इसके बाद से ही निरन्तर हमारे द्वारा कब्जा किया हुआ है।
प्रार्थी ने बताया कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में त्रुटिवश रुघाराम की जगह रूपाराम दर्ज हो गया था, जिसे मेरी माता ने दुरस्त भी करवा लिया था। प्रार्थी ने कहा कि 2013 तक हम वारिसान ही इस भूमि पर काबिज थे। सन 2013 में मेरी माता की मृत्यु हो गई। हमारे पैतृक गांव से 200किमी दूर होने के कारण हमने हमारे परिचित सुनील मूलाराम लेघा निवासी छतरगढ़ को सार सम्भाल के लिए दी। कभी कभार हम भी सार सम्भाल करने जाते रहते थे।
प्रार्थी ने बताया कि माता की मृत्यु के बाद हम सभी 8 वारिसान के नाम नामांतरण के लिए तहसीलदार छत्तरगढ़ को प्रार्थना पत्र दिया था। हल्का पटवारी कैला ने जांच कर रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में मेरी माताजी का नाम है परंतु ऑनलाइन जमाबंदी रिकॉर्ड में नाम नहीं है। जब हमने जांच की तो पता चला कि 35 व्यक्तियों द्वारा मेरी माताजी के फर्जी व बनावटी वारिस बनकर नाम चढ़ा लिए गए हैं।
इसमें प्रथम वारिस के रूप में अजय कुमार पुत्र किशनाराम जाट निवासी देशनोक ने मेरी माता की जगह अन्य महिला के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर फर्जी वारिस बनकर 34 अन्य और फर्जी वारिस बनाकर नामांतरण करवा लिया है।
इसमें हल्का पटवारी पेमाराम सारण ने 3 मई, 2023 को वारिसान की गलत रिपोर्ट पेश की और देशनोक हल्का पटवारी देवेंद्र बिश्नोई द्वारा भी वारिस सम्बंधी फर्जी जांच की गई।
प्रार्थी ने आरोप लगाया कि आरोपियों को ज्ञात था कि यह भूमि उनकी नहीं है बावजूद इसके आपसी षड्यंत्र, कूटरचित दस्तावेज, झूठे मृत्यु प्रमाण पत्र, झूठी वारिसान रिपोर्ट बनाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किये और भूमि विक्रय कर दी।
छत्तरगढ़ पुलिस द्वारा मामला दर्ज करके जांच एसआई भजनलाल को सौंपी गई है।

Next Team Writer

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