NEXT 17 मार्च, 2025। क्षेत्र सहित सभी गांवों और कस्बों में महिलाओं ने श्रद्धा और भक्ति के साथ आस चौथ का व्रत रखा। महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर विधि-विधान से पूजा अर्चना की और व्रत कथा सुनकर आस माता से अखंड सौभाग्य व सुखी जीवन की कामना की।

व्रत के दौरान खेजड़ी के पेड़ की पूजा कर महिलाओं ने मोली का धागा (रक्षा सूत्र) बांधा और मंगलकामनाएं व्यक्त कीं। पूजन के दौरान उन्होंने सामूहिक रूप से प्रार्थना की।

पूजन के बाद महिलाओं ने सूर्यदेव की अर्चना कर अपने से बड़ी महिलाओं, सास और जेठानी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर महिलाओं ने एक-दूसरे को अखंड सौभाग्य की शुभकामनाएं दीं और परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
आस माता आस दे, खाटी मोली छाछ दे। आस दे विश्वास दे, मांग भरिया सिंदूर दे। हाथ भरिया चुड़लो दे, पांव भरिया बिछिया दे। पालने में पुत दे, अखंड सुहाग दे।
