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नेत्रदान से रोशन हुई ज़िंदगी: श्रीडूंगरगढ़ के संतोष मालू की असामायिक मृत्यु के बाद परिवार ने निभाई मानवता की मिसाल

By Next Team Writer

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NEXT 9 अप्रैल, 2025 श्रीडूंगरगढ़। मोमासर बास निवासी 45 वर्षीय संतोष मालू की असामायिक मृत्यु के बाद उनके परिवार ने मानवता और सेवा का अनुपम उदाहरण पेश करते हुए नेत्रदान का पुण्य कार्य किया। इस नेक निर्णय से किसी जरूरतमंद को देखने की नई रोशनी मिल सकेगी।

युवक संतोष मालू पुत्र स्व. थानमल मालू का बुधवार को आकस्मिक निधन हो गया। इस दुखद क्षण में जहाँ पूरा परिवार शोक में डूबा था, वहीं मृतक के बड़े भाई लूणकरण मालू और भाभी विनीता मालू ने पूरे परिवार को ढांढस बंधाते हुए नेत्रदान की प्रेरणा दी। मृतक की पत्नी हेमा मालू और पुत्री मुस्कान मालू ने साहस का परिचय देते हुए इस पुनीत कार्य को सहर्ष स्वीकृति दी।

समाजसेविका व पालिका नेता प्रतिपक्ष अंजू मनोज पारख ने बताया कि नेत्रदान की प्रक्रिया को समय पर संपन्न कराने के लिए सरदारशहर की तेरापंथ युवक परिषद की टीम ने तत्परता दिखाई और प्राणनाथ हॉस्पिटल की आई बैंक सोसायटी (गाँधी विद्या मंदिर) से संपर्क साधा। हॉस्पिटल की टीम डॉ. रविंद्र के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण की।

इस दौरान समाजसेवी मनोज पारख, मुकेश मालू, विक्रम मालू, दीनदयाल तावनियाँ सहित अन्य परिजन और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

इस घटना ने समाज में यह संदेश दिया कि मृत्यु केवल अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत का माध्यम भी बन सकती है, जब कोई अपने अंग दान कर किसी और को जीवन या रोशनी देने का कार्य करता है। मालू परिवार का यह निर्णय निश्चित रूप से प्रेरणादायक है और समाज को नेत्रदान जैसे पुनीत कार्यों के लिए प्रेरित करता है।

Next Team Writer

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