NEXT 16 अप्रैल, 2025। राजस्थान सरकार के कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के अधीन गठित श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड की पहली बैठक बुधवार सुबह 11:00 बजे शासन सचिवालय, जयपुर में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार ने की और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पियों के उत्थान, उनके कौशल को मान्यता देने तथा रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में श्री विश्वकर्मा बोर्ड की स्थापना, उद्देश्य, कार्ययोजना और भावी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

प्रस्तावित योजनाओं में राज्य स्तर पर पारंपरिक कारीगरों को सम्मानित करने की योजना, 1000 कारीगरों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्यवाही, प्रशिक्षण संस्थानों का चयन, CSR फंडिंग के माध्यम से संसाधन जुटाना, एवं बोर्ड की गतिविधियों के संचालन हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति जैसे बिंदु शामिल थे। इसके अतिरिक्त, अन्य राज्यों की उत्कृष्ट योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें राजस्थान में लागू करने की संभावना पर भी विचार किया गया।

बैठक में बोर्ड अध्यक्ष रामगोपाल सुथार ने कहा कि “यह बोर्ड पारंपरिक कारीगरों को एक नई पहचान देने का कार्य करेगा। सरकार का उद्देश्य है कि हुनर को सम्मान मिले और स्थानीय कारीगर वैश्विक मंच तक पहुंचें।”
बैठक में श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इनमें अशोक शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, तकनीकी शिक्षा विभाग; राजीव मेहता, अतिरिक्त निदेशक, उद्योग विभाग; मनोज वर्मा, संयुक्त निदेशक, वित्त विभाग; कविता जैन, संयुक्त निदेशक, पंचायती राज विभाग; दिनेश यादव, संयुक्त निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग; राकेश कुमार, संयुक्त निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग; ममता चौहान, संयुक्त निदेशक, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग; नीलिमा शर्मा, संयुक्त निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा अनुराग माथुर, निदेशक, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग शामिल रहे। बैठक का संचालन गौरव सैनी, प्रबंध निदेशक, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड द्वारा किया गया।