NEXT 24 अप्रैल, 2025 श्रीडूंगरगढ़। गुरुवार को मालू भवन में तेरापंथ जैन धर्मसंघ के नवम आचार्य महाप्रज्ञ के 16वें महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी संगीतश्री और साध्वी डॉ. परमप्रभा के सान्निध्य में आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीवृंद द्वारा प्रस्तुत सामूहिक गीतिका से हुई।

सभा में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के संगठन मंत्री संजय बरड़िया, महिला मंडल की संगठन मंत्री मंजू झाबक, उर्मिला गिया, तेरापंथ युवक परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप पुगलिया तथा अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी ने अपने भावपूर्ण वक्तव्यों के माध्यम से आचार्य महाप्रज्ञ को श्रद्धांजलि अर्पित की।
साध्वी डॉ. परमप्रभा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए अमेरिका में घटित एक घटना का उल्लेख किया और बताया कि गुरु मंत्र के प्रभाव से मानसिक अंधकार को हटाकर जीवन में प्रकाश लाया जा सकता है।
साध्वी संगीतश्री ने कहा कि आचार्य तुलसी के पास आचार्य महाप्रज्ञ जैसा अनमोल रत्न था, जैसे कोई राजा बुद्धिमान मंत्री और निपुण सेनापति के सहयोग से शासन करता है और विजय प्राप्त करता है।
कार्यक्रम में साध्वी ललिताश्री और साध्वी शांतिप्रभा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संघीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ समाजजन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन मोनिका मालू ने किया, जिन्होंने एक कविता के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया।
कालू में आचार्य महाप्रज्ञ के महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
NEXT कालू। कालू के स्थानीय सभा भवन में आचार्य महाप्रज्ञ की पुण्यतिथि पर महाप्रयाण दिवस का आयोजन श्रद्धा एवं भावनाओं के साथ किया गया। इस अवसर पर साध्वी उज्ज्वलरेखा ने आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन, विचारों और उनके योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि महाप्रज्ञ वही बन सकता है, जो जीवन के सही अर्थ को समझे।

उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ को एक कुशल शिल्पकार, प्रखर प्रवचनकार, महायोगी, साधना के तपस्वी, अहिंसा के पुजारी, मंत्रों के दाता और प्रेक्षाध्यान के प्रदाता के रूप में वर्णित किया। उन्होंने बताया कि आचार्यश्री ने “अहिंसा यात्रा” के माध्यम से समाज में अहिंसा का वातावरण निर्मित किया और धार्मिक समरसता का संदेश फैलाया।
आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्यिक योगदान भी अतुलनीय रहा। आगम साहित्य के पुनर्निर्माण में उनका सहयोग स्मरणीय है। जीवन विज्ञान के माध्यम से उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में नई दिशा दी और धर्मसंघ में समन्वय का भाव उत्पन्न किया। उनके द्वारा आयोजित धर्म सम्मेलनों ने विभिन्न धर्मों के मध्य संवाद और एकता को बल दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मंत्र जाप से हुई। साध्वी स्मितप्रभा, साध्वी हेमप्रभा और साध्वी नम्रप्रभा ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में हर्षा सांड तथा महिला मंडल द्वारा गीतिका का भावपूर्ण संगान किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने आचार्य महाप्रज्ञ को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।