NEXT 9 मई, 2025। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से जुड़े पीबीएम अस्पताल के नर्सिंग ऑफिसर्स ने देशसेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। इन चिकित्सा कर्मियों ने भारतीय सेना को चिकित्सा सहायता देने के उद्देश्य से बॉर्डर एरिया में ड्यूटी लगाने की स्वैच्छिक इच्छा जाहिर की है। उनका कहना है कि युद्ध जैसी स्थिति में घायल सैनिकों और प्रभावित नागरिकों को त्वरित व समुचित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना उनका नैतिक और पेशेवर कर्तव्य है।

इस साहसिक पहल के तहत नर्सिंग ऑफिसर्स ने अपनी सहमति एक पत्र के माध्यम से कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी को सौंपी है। उन्होंने आग्रह किया है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो उन्हें सीमा क्षेत्र में तैनात किया जाए। इस पहल को लेकर प्राचार्य डॉ. सोनी ने इन कर्मठ नर्सिंग स्टाफ के जज्बे को सराहा और कहा, “इनकी भावना अत्यंत प्रेरणादायक है। देशसेवा की यह भावना वास्तव में सम्मान योग्य है। आवश्यकता पड़ने पर इनकी मांग को सक्षम स्तर पर रखा जाएगा, ताकि इनकी इच्छाओं को उचित मंच मिल सके।”
अस्पताल प्रशासन ने भी इस कदम को देशभक्ति और मानवता की सेवा का अनुकरणीय उदाहरण बताया। डॉ. श्योपत राम गोदारा ने कहा, “हमारे नर्सिंग ऑफिसर्स न केवल अस्पताल में अपनी जिम्मेदारियों का कुशलता से निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय संकट के समय भी सेवा देने के लिए तत्पर हैं। यह भावना हमारे चिकित्सा समुदाय की नैतिक दृढ़ता और समर्पण को दर्शाती है।”
जिन नर्सिंग ऑफिसर्स ने सीमा पर सेवा देने की इच्छा प्रकट की है, उनमें भवानी शंकर टाक, रवि कुमार आचार्य, अनिल कुमार चौधरी, श्योपत राम गोदारा, भूपेंद्र सिंह शेखावत, रमन कुमार मीणा, अशोक कुमार जाजू, बलवीर सिंह सोलंकी, सूर्यकान्त गौड़, राजेंद्र प्रसाद कालवा, विकास कुमार खिचड़, आशीष कुमार भार्गव और कैलास चंद्र भुआल मौजूद रहे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि वे देश के लिए किसी भी स्तर की सेवा के लिए हर समय तैयार हैं।
इस पहल की खासियत यह है कि यह ऐसे समय में सामने आई है जब सीमा पर हालात संवेदनशील हैं और भारतीय सेना को हर मोर्चे पर सहयोग की आवश्यकता है। पीबीएम के नर्सिंग ऑफिसर्स की यह भावना न केवल सेना के लिए सहायक सिद्ध होगी, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी प्रेरणा देगी कि संकट की घड़ी में देशहित सर्वोपरि होता है।