NEXT 6 जून, 2025। श्रीक्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक और समाजसेवी भगवान सिंह रोलसाहबसर का गुरुवार देर रात जयपुर में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती थे और वेंटिलेटर पर थे। उनकी किडनी सहित अन्य अंगों की कार्यप्रणाली कमजोर होने के चलते देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए संघ शक्ति भवन, जयपुर में रखा गया है। उनका अंतिम संस्कार आज झोटवाड़ा के लता सर्किल स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा।
समाजसेवा के चार दशक: अनुशासन और संस्कार का पथ दिखाया
भगवान सिंह रोलसाहबसर का जन्म 2 फरवरी 1944 को सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव में हुआ था। वे मेघ सिंह और गोम कंवर की पांचवीं संतान थे। उनका विवाह सिवाना के ठाकुर तेज सिंह की पुत्री से हुआ था।
रोलसाहबसर बाड़मेर के गेहूं रोड पर स्थित ग्राम्य आलोकायन आश्रम में निवास करते थे। यहां वे युवाओं को संस्कार, अनुशासन, धैर्य और राष्ट्रभक्ति की शिक्षा देने के लिए नियमित शिविर आयोजित करते थे। इस आश्रम में सचिन पायलट, गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे कई जनप्रतिनिधि भी आ चुके हैं।
रोलसाहबसर ने हमेशा राजनीति से दूरी बनाए रखी और खुद को समाज के उत्थान और जागरूकता के कार्यों में समर्पित रखा। उनके निधन से क्षत्रिय समाज में गहरा शोक फैल गया है।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर
भगवान सिंह रोलसाहबसर के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कई नेताओं ने दु:ख जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रीक्षत्रिय युवक संघ, परिजनों और अनुयायियों ने इसे समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।