NEXT 17दिसम्बर, 2024। हम रोज विभिन्न मीडिया सोर्सेज से डिजिटल अरेस्ट के बारे में पढ़ते है। पीएम मोदी ने भी बताया था कि डिजिटल अरेस्ट के कारण 120करोड़ रुपये भारतीयों ने गवाएं हैं। तो NEXT आपके लिए लेकर आया है ऐसी ही जानकारी, जिसे पढ़कर और समझकर आप ऐसे स्कैम से बच सकते हैं और अपने परिचितों को भी बचा सकते हैं।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है?
डिजिटल अरेस्ट एक ऑनलाइन स्कैम है जिसमें फ्रॉड करने वाले खुद को सरकारी एजेंसियों जैसे पुलिस, सीबीआई, इनकम टैक्स या कस्टम अधिकारियों के रूप में पेश करते हैं। डराने-धमकाने वाली भाषा का प्रयोग कर वे वीडियो कॉल, वर्दी, सरकारी लोगो और फर्जी सेटअप का इस्तेमाल कर विश्वास दिलाते हैं कि आप किसी गंभीर अपराध (मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी, ड्रग तस्करी) में शामिल हैं।

कैसे पहचानें डिजिटल अरेस्ट स्कैम को?
- सरकारी अधिकारी के नाम से फोन कॉल : सरकारी अधिकारी बनकर कॉल आना।
- डराने-धमकाने की भाषा : गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी।
- जल्दबाजी करना : तुरंत पैसे ट्रांसफर करने या पर्सनल जानकारी देने का दबाव बनाना।
- वीडियो कॉल के जरिए जाल में फंसाना: पुलिस वर्दी में और फर्जी सेटअप दिखाकर डराना। डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बचने के उपाय:
- संदिग्ध कॉल न उठाएं:
वॉट्सऐप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आने वाले अनजान नंबरों के कॉल को अवॉइड करें। - पैनिक न करें:
यदि कॉल उठ गया है तो अपनी पर्सनल या बैंकिंग जानकारी बिल्कुल भी न दें। - शक होने पर फोन काट दें:
बातचीत को लंबा न खींचें और तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट करें। - वेरिफिकेशन करें:
किसी अनजान नंबर को ट्रू-कॉलर जैसे ऐप से वेरिफाई करें। - साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करें:
किसी भी फ्रॉड की शिकायत 1930 हेल्पलाइन नंबर या cybercrime.gov.in पर करें।
जब यह अपराध इतना बढ़ रहा है तो सरकार ने क्या कदम उठाएं हैं। तो आपको बता देते हैं कि भारत सरकार ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स से जारी 1.7 करोड़ सिम कार्ड को बंद कर दिया है।