NEXT 18 दिसम्बर, 2024। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर बड़ा शिकंजा कसा है। विभाग ने आदेश जारी किया है जिसमें अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन और कोचिंग सेंटर में पढ़ा नहीं सकेंगे। विभाग के इस आदेश का सरकारी शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि कोचिंग संस्थानों पर लगाम कसने की जगह विभाग शिक्षकों पर दबाव बना रहा है। अगर शिक्षा विभाग ने जल्द ही आदेश वापिस नहीं लिया तो राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे।
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सरकारी शिक्षकों की ओर से ट्यूशन और कोचिंग में पढ़ाने के प्रकरण सामने आने के बाद शिक्षा निदेशक ने इस प्रवृत्ति को रोकने के गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षा सत्र शुरू होते ही सभी सरकारी विषय अध्यापकों को ट्यूशन नहीं पढ़ाने का शपथ पत्र देना होगा।
शिक्षक और कार्मिक की ओर से विभाग की स्वीकृति के बिना स्वयं के निजी कोचिंग सेंटर चलाने की शिकायत मिलने के बाद सभी संस्था प्रधानों को ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने के आदेश दिए हैं। वहीं शिकायत मिलने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 तथा राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम-1971 के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं संबंधित डीईओ माध्यमिक को स्कूल के निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं से व्यक्तिगत संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षक उच्च माध्यमिक कक्षाओं के दो और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के तीन स्टूडेंट्स को शिक्षक ट्यूशन पढ़ा सकेंगे। इसके लिए संबंधित शिक्षक को अपने संस्था प्रधान से अनुमति लेनी होगी। निर्धारित छात्र संख्या से अधिक पर अनुमति नहीं मिलेगी।
हर महीने पढ़ाए गए पाठ्यक्रम की देनी होगी रिपोर्ट
सभी विषयों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो इसके लिए संस्था प्रधान सभी शिक्षकों से हर महीने पढ़ाई गए पाठ्यक्रम की लिखित रिपोर्ट उनसे प्राप्त करेंगे। जो अध्यापक इस संबंध में किसी भी तरह की कोताही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
साइंस सहित गणित व अंग्रेजी में ट्यूशन की प्रवृत्ति अधिक
सरकारी स्कूल में अमूमन 10वीं में गणित, विज्ञान अंग्रेजी तथा सीनियर सैकंडरी स्कूलों साइंस, कामर्स के ऐच्छिक विषयों में ट्यूशन की प्रवृत्ति अधिक रहती है। सामान्य तौर पर इन विषयों के अधिकतर अध्यापक स्कूलों में ट्यूशन प्रवृत्ति को लेकर स्कूलों में एकाग्रचित्त होकर नहीं पढ़ाते, मजबूरन छात्रों को उनके घर ट्यूशन के लिए जाना पड़ता है। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने पूर्व में भी आदेश जारी किए थे। अब नए सिरे से फिर आदेश जारी किए गए है।