NEXT 24 जून, 2025। देशभर में सनसनी फैला देने वाले 2000 करोड़ रुपए के साइबर ठगी नेटवर्क में अब बीकानेर जिले के लूणकरणसर निवासी घनश्याम सारस्वत का नाम भी सामने आया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि घनश्याम इस फ्रॉड रैकेट में एक महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका में था। फिलहाल वह फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
इससे पहले खारड़ा निवासी कृष्ण शर्मा को बीकानेर में फर्जी ‘करणी ट्रेडिंग कंपनी’ के जरिए करीब 99.65 करोड़ रुपए के लेनदेन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में कृष्ण शर्मा ने घनश्याम सारस्वत की संलिप्तता का खुलासा किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घनश्याम खुद को आढ़ती बताकर कमीशन पर भारी भरकम लेनदेन करता था।
क्या है मामला?
इस विशाल साइबर फ्रॉड नेटवर्क में मुख्य आरोपी अजय आर्य के श्रीगंगानगर स्थित आवास से जब्त 3 सीपीयू और 3 पेन ड्राइव का डाटा रिकवर करवाया गया है। जयपुर से आई साइबर एक्सपर्ट्स की टीम ने इसमें ऐसे सबूत जुटाए हैं, जिनमें कई खातों में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन दर्ज हैं। इन ट्रांजेक्शनों के आधार पर पुलिस अब नई गिरफ्तारियों की तैयारी में है।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि घनश्याम सारस्वत के पास कई बैंक खातों की जानकारी व एक्सेस था, जिनका इस्तेमाल इस फर्जीवाड़े में किया गया। उसके घर और दुकान की निगरानी बढ़ा दी गई है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
जांच के दायरे में कई और नाम
इस पूरे प्रकरण में बीकानेर समेत अन्य जिलों से जुड़े कई लोगों की भूमिका जांच के घेरे में है। पुलिस का कहना है कि नेटवर्क की जड़ें गहरी हैं और इसमें फर्जी कंपनियां, शेल अकाउंट्स और डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए ठगी को अंजाम दिया गया।
साइबर ठगी के इस मामले में हर दिन नया मोड़ सामने आ रहा है। बीकानेर से लेकर जयपुर, श्रीगंगानगर तक पुलिस की टीमें सक्रिय हैं और आने वाले दिनों में अधिक गिरफ्तारी व बड़ी रिकवरी की उम्मीद है।