NEXT 3 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बॉम्बे कॉलोनी निवासी सनी वाल्मीकि ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में गंभीर आरोपों के साथ एक रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पीड़ित ने बताया कि उसकी पुत्री भावना का रिश्ता बीकानेर निवासी तनवीर पुत्र प्रेमप्रकाश से तय हुआ था। आरोपी पक्ष ने खुद को उच्च शिक्षित और कृषि विभाग में संविदा पर अधिकारी बताया तथा शादी में दहेज न लेने की बात कही। लेकिन शादी से पहले और बाद में पीड़ित परिवार से लाखों रुपये ठगे गए।
झूठा परिचय और शादी के नाम पर ठगी
रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2024 में आरोपी तनवीर व उसके परिवार ने खुद को कृषि विभाग में अधिकारी बताते हुए रिश्ता तय किया। रोका व सगाई की रस्मों के दौरान विश्वास में लेकर आरोपी परिवार ने पीड़ित से दो लाख रुपये नकद लिए और शादी के बाद नौकरी दिलवाने के नाम पर व अन्य खर्चों के नाम पर कुल मिलाकर लगभग साढ़े सात लाख रुपये हड़प लिए।
जागरण और झांसा: रुपये ऐंठने का तरीका
रिपोर्ट में लिखा है कि आरोपी ने नौकरी पक्की होने का झांसा देकर पीड़ित से चार लाख रुपये लिए। इसके बाद “बड़ा जागरण” करवाने की बात कहकर और अधिक रकम ऐंठी गई। कुछ छोटी रकम आरोपी ने फोन पे से लौटाई ताकि भरोसा बना रहे, लेकिन बड़ी रकम डकार गया।
दहेज की मांग और मानसिक प्रताड़ना
शादी के बाद तनवीर और उसके परिवार ने लड़की भावना को दहेज में एसी, कार और नकद रूपयों की मांग को लेकर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। लड़की को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, उसे फोन तक रखने नहीं दिया गया। अंततः भावना को कपड़ों में ही घर से निकाल दिया गया।
नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा उजागर
जब पीड़ित का बेटा निखिल आरोपी के झांसे में आकर बीकानेर में नौकरी ज्वॉइन करने गया, तब पता चला कि तनवीर ने कृषि विभाग में फर्जी कागज़ात बनवाकर कई लोगों से ठगी की है। उसके खिलाफ सदर थाना बीकानेर में पहले से FIR संख्या 233/2025 दर्ज है।
मोबाइल भी छीन लिया और धमकियाँ दीं
तनवीर ने पीड़िता भावना का मोबाइल भी अपने पास रख लिया। जब सनी वाल्मीकि ने अपने रुपये लौटाने की मांग की तो आरोपी ने धमकी दी कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई की गई तो तुम्हें भी धोखाधड़ी में फंसा देंगे।
थाने में रिपोर्ट, सख्त कार्रवाई की मांग
लंबे समय तक मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना झेलने के बाद पीड़ित अपनी पुत्री भावना के साथ थाने पहुंचा और पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उसने मांग की कि आरोपीगण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और हड़पे गए रुपये वापस दिलवाए जाएं।