NEXT 20 मार्च, 2025। राजस्थान सरकार ने कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में “राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025” पेश किया है। इस विधेयक में कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर रोक लगाने और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के कड़े प्रावधान किए गए हैं।
फीस नियंत्रण और पारदर्शिता
- कोचिंग सेंटर मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे।
- फीस का भुगतान एकमुश्त करने की बजाय चार किस्तों में किया जा सकेगा।
- कोचिंग छोड़ने पर छात्र को 10 दिनों के भीतर फीस लौटानी होगी।
- हॉस्टल छोड़ने पर बची हुई फीस भी वापस करनी होगी।
रजिस्ट्रेशन और योग्यता अनिवार्य
- 50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
- ग्रेजुएशन से कम योग्यता वाले शिक्षकों को कोचिंग में पढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।
- कोचिंग सेंटरों को अपनी वेबसाइट बनानी होगी, जिसमें शिक्षक प्रोफाइल, फीस, कोर्स और हॉस्टल की जानकारी देनी होगी।
नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
- पहली बार उल्लंघन पर ₹2 लाख का जुर्माना, दूसरी बार ₹5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
- बार-बार नियम तोड़ने पर रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और प्रॉपर्टी जब्त की जा सकेगी।
- सरकारी स्कूल-कॉलेज के शिक्षक कोचिंग सेंटरों में नहीं पढ़ा सकेंगे।
छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
- हर कोचिंग में करियर काउंसलर और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध करानी होगी।
- तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन अनिवार्य किया जाएगा।
- जिला स्तर पर 24×7 कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां छात्र शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
निगरानी और नियंत्रण के लिए प्राधिकरण
- “राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण” का गठन किया जाएगा, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी, पुलिस, चिकित्सा विशेषज्ञ और अभिभावक समिति के सदस्य शामिल होंगे।
- यह प्राधिकरण कोचिंग सेंटरों पर सिविल कोर्ट की तरह कार्रवाई कर सकेगा।
- जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनेगी, जो कोचिंग सेंटरों की निगरानी करेगी।
राज्य सरकार का कहना है कि इस विधेयक से छात्रों पर बढ़ते मानसिक दबाव को कम करने और कोचिंग संस्थानों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।