एक घंटे में रेस्क्यू, वन विभाग ने कहा- ऐसे प्रयास वन्यजीवों की सुरक्षा में मील का पत्थर
NEXT 6 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। लोढेरा गांव में बुधवार को एक घायल मोर को ग्रामीणों, वनप्रेमियों और वन विभाग की सतर्कता ने नई जिंदगी दी। करंट से झुलसे इस मोर को न सिर्फ मौके पर प्राथमिक उपचार मिला, बल्कि महज एक घंटे के भीतर उसे रेस्क्यू कर सुरक्षित इलाज के लिए भेजा गया।
घटना दोपहर की है, जब गांव के बाबूलाल और रामलाल गोदारा ने एक मोर को बिजली के तार से करंट लगने के बाद तड़पते देखा। बिना देर किए दोनों ने मोर को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर प्राथमिक उपचार शुरू किया। इसके बाद बिजली विभाग में कार्यरत अमराराम गोदारा ने वन्यजीव प्रेमी शूरवीर मोदी और निहालचंद धारणियां को सूचना दी।
वन्यजीव प्रेमियों ने तुरंत श्रीडूंगरगढ़ रेंज के एसीएफ सत्यपाल सिंह से संपर्क किया। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम सक्रिय हुई और मौके पर पहुंचकर मोर को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
“ऐसी संजीदगी विरले देखने को मिलती है”- एसीएफ सत्यपाल सिंह
सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह ने ग्रामीणों के इस सामूहिक प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि “जिस संवेदनशीलता और तेजी से ग्रामीणों ने घायल मोर की मदद की, वह वन्यजीवों के प्रति जागरूकता का प्रमाण है। यदि इसी तरह जनभागीदारी बनी रही, तो यह क्षेत्र वन संरक्षण में आदर्श बन सकता है।”
लोढेरा बना मिसाल
इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखा दिया कि जब प्रशासन और आमजन मिलकर कार्य करें, तो हर जान की कीमत बचाई जा सकती है। लोढेरा जैसे छोटे गांव से निकली यह खबर अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।