साध्वी डॉ. परमप्रभा ने कहा – आचार्य तुलसी ने दिया तेरापंथ को वैश्विक स्वरूप
NEXT 14 जून, 2025 श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ धर्मसंघ के नौवें आचार्य, आचार्य तुलसी की 29वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार को सेवा केंद्र मालू भवन में एक भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा तुलसी अष्टकम मंगलाचरण के संगान से हुआ, जिससे वातावरण आध्यात्मिक अनुभूति से सराबोर हो गया।

सभा की अध्यक्षा सुशीला पुगलिया ने अपने मार्मिक शब्दों में गुरुदेव की स्मृतियों को साझा किया। महिला मंडल की संगठन मंत्री मंजू झाबक ने भी अपने वक्तव्य में आचार्य तुलसी के सिद्धांतों और समाज के प्रति उनके योगदान को रेखांकित किया।

साध्वी संपत प्रभा, साध्वी मुदिताश्री, साध्वी कर्तव्ययशा, साध्वी शांतिप्रभा, साध्वी कमलविभा, साध्वी प्रेक्षाप्रभा, साध्वी दीपयशा एवं साध्वी सरसप्रभा ने गीतिकाओं, सामूहिक गीतों और अपने विचारों से श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं श्राविका शशिकला नाहर, बैंगलोर ने भी अपने भाव साझा किए।

साध्वी डॉ. परमप्रभा ने अपने संबोधन में कहा कि आचार्य तुलसी वह संत थे जिन्होंने तेरापंथ धर्मसंघ को वैश्विक पहचान दिलाई और समाज में अनेक नये आयाम स्थापित किए। उन्होंने कहा कि उनका जीवन सत्साहस और नवसृजन का प्रतीक था।

साध्वी संगीतश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा, “सूरजमुखी दिन में खिलता है, चंद्रमुखी रात में, लेकिन जो अंतर्मुखी होता है वह हर समय खिला रहता है। आचार्य तुलसी एक ऐसे अंतर्मुखी संत थे जिनका जीवन मानवता की सेवा के लिए समर्पित रहा।”
कार्यक्रम के अंत में सभा मंत्री प्रदीप पुगलिया ने आभार व्यक्त किया। संचालन सभा की सहमंत्री अंबिका डागा ने किया।
कार्यक्रम में सभा, महिला मंडल, युवक परिषद सहित तेरापंथ समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।