NEXT 6 नवम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ भवन मोमासर में आचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी प्रमिला कुमारी के मंगल भावना कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को श्रद्धा और भावनाओं के माहौल में किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण से हुई। इस दौरान अणुव्रत समिति मंत्री राकेश संचेती, तेरापंथ सभा संस्थान मोमासर के अध्यक्ष राजेंद्र संचेती के पत्र का वाचन उपाध्यक्ष अशोक पटावरी ने किया।

ग्राम सरपंच सरिता संचेती, बिहार से पधारे विरेंद्र संचेती, उपसरपंच जुगराज संचेती, महिला मंडल अध्यक्ष कंचन पटावरी, पूर्व अध्यापक गौरीशंकर जोशी, कल्पना सेठिया, जगत पटावरी, राजेश रोहिया (सुरवि चैरिटेबल ट्रस्ट), कांता सोनी सहित कई गणमान्यजनों ने अपने विचार रखे और गीतिका के माध्यम से मंगल भावना व्यक्त की।

साध्वी आस्थाश्री ने अपने भावों की सुंदर प्रस्तुति दी, वहीं साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
अपने प्रवचन में साध्वी प्रमिला कुमारी ने कहा कि
“आगमन और विदाई एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। साधु और जल चलते रहने से ही निर्मल रहते हैं, जैसे बहता पानी सदा पवित्र रहता है।”
उन्होंने जीवन में परिवर्तन, साधना और प्रवास की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में गांवभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति अध्यक्ष सुमन बाफना ने किया।
कार्यक्रम के बाद साध्वी का जुलूस मुख्य बाजार से होते हुए बाबूलाल लक्ष्मीपत संचेती के निवास स्थान पहुंचा। साध्वीवृंद शुक्रवार को आडसर की ओर प्रस्थान करेंगे और सुरेंद्र पटावरी के फार्म हाउस में विराजेंगी।















