बीकानेर जिले के खेतों में बिखरा प्रकोप, कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी
प्रकाश पाश और दवाइयों से नियंत्रण के उपाय सुझाए; श्रीडूंगरगढ़, नोखा और कोलायत इलाके ज्यादा प्रभावित
NEXT 31 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। जिले में खरीफ की फसलों पर कातरा कीट ने हमला बोल दिया है। ग्वार, बाजरा, मोठ और मूंगफली जैसी फसलें इसकी चपेट में आ रही हैं। कृषि विभाग की टीमों ने सर्वे कर इसकी पुष्टि की है।

श्रीडूंगरगढ़, नोखा, पांचू और कोलायत इलाकों में कातरा का बिखरा हुआ प्रकोप देखा गया है। कुछ खेतों में नुकसान आर्थिक हानि स्तर से ऊपर है। ऐसे में किसानों को अलर्ट रहने और कीट नियंत्रण के लिए उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
कैसे होता है कातरे का हमला
- बारिश की पहली अच्छी फुहार के बाद कातरा कीट मिट्टी से बाहर निकलता है।
- ये पतंगे प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं।
- मादा एक बार में 600-700 अंडे देती है, जो पत्तियों की निचली सतह पर होते हैं।
- 2-3 दिन में इन अंडों से लटें निकलती हैं जो फसलों की पत्तियों को कुतरकर खा जाती हैं।
- इससे पौधे सूखकर मर सकते हैं।
किसानों के लिए कृषि विभाग की एडवाइजरी
संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी और सहायक निदेशक उद्यान मुकेश गहलोत ने किसानों को कीट नियंत्रण के लिए ये उपाय बताए हैं:
🔶 प्रथम चरण में- पतंगों का नियंत्रण
- बारिश होते ही रात को खेतों, मेड़ों और चारागाहों में लालटेन, गैस या बिजली बल्ब जलाएं।
- बल्ब के नीचे केरोसीन मिले पानी की परात रखें, ताकि कीट आकर्षित होकर उसमें गिरकर मर जाएं।
🔶 दूसरे चरण में- लटों का नियंत्रण
🟢 छोटी अवस्था (प्रारंभिक लटें):
- खेत के आसपास के जंगली पौधों पर ये अंडे देती हैं।
- क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण – 6 किलो प्रति बीघा का भुरकाव करें।
- चरागाह और बंजर जमीन से खेत में लटें न आएं इसके लिए मिथाइल पैराथियॉन 2% चूर्ण खाइयों में डालें।
🟢 बड़ी अवस्था (विकसित लटें):
- लटों को चुनकर केरोसीन मिले पानी में डालें।
- क्यूनालफॉस 25 EC – 250 मि.ली. प्रति बीघा का छिड़काव करें (जहां पानी की सुविधा हो)।
- या क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण – 6 किलो प्रति बीघा का भुरकाव करें।
किसानों से अपील
“समय रहते कीट नियंत्रण के उपाय अपनाएं, वरना फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है। विभाग की टीमों से संपर्क करें और जरूरत पड़ने पर दवाएं खेतों पर तुरंत पहुंचाएं।”
– कैलाश चौधरी, संयुक्त निदेशक कृषि