NEXT 6 मई, 2025। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राजस्थान के 28 शहरों में बुधवार 7 मई को युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान शहरों में रात को सायरन बजेगा और ब्लैकआउट किया जाएगा। हालांकि, ड्रिल का सटीक समय गोपनीय रखा गया है।
ड्रिल को लेकर सिविल डिफेंस की टीमों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की व्यापक तैयारी 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद अब पहली बार देखी जा रही है।
मुख्य सचिव करेंगे मॉनिटरिंग, कलेक्टर-एसपी को भेजी जाएगी गाइडलाइन
जयपुर में मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को मॉक ड्रिल की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई हैं।
इन 28 शहरों में होगी मॉक ड्रिल
कोटा, रावतभाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबूरोड, नसीराबाद, भिवाड़ी, फुलेरा, नागौर, जालोर, ब्यावर, लालगढ़, सवाई माधोपुर, पाली और भीलवाड़ा।

क्या होगा ड्रिल के दौरान?
- सायरन बजेगा और उसके बाद सभी नागरिकों को अपने घर की सभी लाइटें, मोबाइल टॉर्च आदि बंद करनी होंगी।
- सड़क, टोल प्लाजा, हाईवे की लाइटें भी बंद की जाएंगी।
- नागरिकों को आपात स्थिति में कैसे एक-दूसरे की मदद करनी है, इसकी जानकारी दी जाएगी।
- घायलों की मदद, सुरक्षित स्थान की पहचान, प्राथमिक उपचार जैसी बातों का अभ्यास कराया जाएगा।
1971 के बाद पहली बार हो रही है ऐसी तैयारी
राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों के लोगों ने बताया कि 1971 के युद्ध के बाद उन्होंने इस स्तर की मॉक ड्रिल नहीं देखी। 1962, 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की तैयारियां आम थीं, लेकिन अब 50 वर्षों बाद फिर से यह अभ्यास किया जा रहा है।
हवाई हमले से बचाव की जरूरी चेकलिस्ट – मोबाइल में जरूर सेव करें
- अलर्ट और सतर्कता
- सायरन की आवाज पहचानें, सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें।
- अफवाहों से बचें, केवल आधिकारिक सूचना मानें।
- सुरक्षित स्थान
- नजदीकी बंकर या बिना खिड़की वाले मजबूत कमरे की जानकारी रखें।
- रास्ता पहले से तय रखें।
- जरूरी वस्तुएं तैयार रखें
- 3 दिन का पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट।
- टॉर्च, रेडियो, दस्तावेज, मोबाइल चार्जर।
- अंधेरा और सुरक्षा
- सभी लाइटें बंद करें, खिड़कियों पर मोटे पर्दे लगाएं।
- शीशे से दूर रहें, ज़मीन पर लेट जाएं।
- अभ्यास और सहयोग
- परिवार के साथ अभ्यास करें, बच्चों को प्रक्रिया समझाएं।
- पड़ोसियों से समन्वय बनाएं।
- हमले के बाद
- बाहर तभी निकलें जब निर्देश मिले।
- संदिग्ध वस्तु दिखे तो पुलिस को सूचित करें।
नोट: यह मॉक ड्रिल है, घबराने की आवश्यकता नहीं। बच्चों और बुजुर्गों को पहले से जागरूक करें ताकि वे सतर्क और सुरक्षित रह सकें।