NEXT 22 जून, 2025। खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाले प्रतिष्ठित ब्रांड अब प्रशासन की सख्त निगरानी में हैं। जिले में ‘क्षीर ब्रांड घी’ और ‘धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड’ जैसे बड़े ब्रांड भी मिसब्रांडिंग और सब-स्टैंडर्ड क्वालिटी के दोषी पाए गए हैं। एडीएम प्रशासन रामावतार कुमावत की कोर्ट ने कुल 30 लाख 35 हजार रुपए का जुर्माना विभिन्न फर्मों पर लगाया है।
बड़े ब्रांड भी नहीं बचे प्रशासन की कार्रवाई से:
- क्षीर ब्रांड घी (धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड, रींगस – सीकर)
मिसब्रांडिंग का दोषी पाए जाने पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया गया है। - सत्यनारायण तापड़िया (सदर बाजार, नोखा – बीकानेर) और
आर.बी. मूथा एंड कंपनी (मंडोर मंडी, जोधपुर) पर
घी की गुणवत्ता निम्न मिलने पर ₹50-50 हजार का जुर्माना ठोका गया।
इन ब्रांडों के घी को व्यापक स्तर पर बाजार में वितरित किया जा रहा था, और आम जनता इसे ब्रांडेड व सुरक्षित मानकर उपयोग कर रही थी। लेकिन लैब जांच में यह मिसब्रांड और घटिया गुणवत्ता का पाया गया।
बाकी उत्पादों पर भी सख्त कार्रवाई:
- हरीराम जी भुजियावाला और चिरमी पापड़,
- मैंगो ड्रिंक प्योर सप्लाई करने वाली फर्में,
- The Pizza Club का आलू पेटिज,
- जयश्री मसाला की मिर्च पाउडर,
- सियाग दूध भंडार का दूध और
- बालाजी स्वीट्स की दही
जैसे उत्पाद भी जांच में फेल रहे।
रेलवे स्टेशन की कैटरिंग यूनिट भी लपेटे में
रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नं. 1 पर बिकने वाली कचौरी और मैंगो ड्रिंक भी मानकों के अनुरूप नहीं मिली। PRS कैटरिंग यूनिट पर ₹4.5 लाख और वेंडर पर ₹50 हजार का जुर्माना लगा।
सख्त चेतावनी: चालान नहीं भरे तो लाइसेंस निलंबित
सभी फर्मों को एक माह में CMHO कार्यालय के माध्यम से चालान जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। ऐसा नहीं करने पर लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा और राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 के तहत वसूली की जाएगी।
विशेष फोकस:
“ब्रांडेड उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों, यह जरूरी नहीं। उपभोक्ता सतर्क रहें और लेबल पढ़कर ही खरीदारी करें।”