न्यायिक कर्मचारियों ने कैडर पुनर्गठन को लेकर दी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश की चेतावनी
NEXT 17 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान की अधीनस्थ अदालतों में 18 जुलाई से कामकाज ठप हो सकता है। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया है।
संघ का कहना है कि कैडर पुनर्गठन को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय की फुल बेंच द्वारा पारित प्रस्ताव को एक साल पहले ही राज्य सरकार को भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक उस पर कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
भूख हड़ताल का चौथा दिन, सरकार अब भी खामोश
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण जोशी और पूर्व जयपुर जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार शर्मा जयपुर में बीते चार दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। बावजूद इसके, सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
“उच्च न्यायालय के आदेश की हो रही अवहेलना”
संघ पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार संवैधानिक संस्था राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना कर रही है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
प्रदेशभर से पदाधिकारी पहुंचे आमसभा में, बड़ा फैसला
17 जुलाई को बीकानेर कोर्ट परिसर में आयोजित प्रदेश स्तरीय आमसभा में सभी जिलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अगर सरकार ने कैडर पुनर्गठन का आदेश तुरंत जारी नहीं किया तो 18 जुलाई से प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
क्या है मामला?
- 25 मई 2022 और 4 अक्टूबर 2022 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर कैडर पुनर्गठन की बात मानी थी।
- इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने 6 मई 2023 को प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा।
- एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया।
आगे क्या?
अगर सरकार ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया, तो न्यायिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसका सीधा असर अदालतों में लंबित मामलों और न्याय प्रक्रिया पर पड़ेगा।