NEXT 23 मई, 2025। भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की राजस्थान विधानसभा से सदस्यता समाप्त कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। एसडीएम पर पिस्टल तानने और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने के मामले में दोषी ठहराए गए मीणा की विधायकी 1 मई 2025 से प्रभावी रूप से खत्म मानी जाएगी।
इस पूरे मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राज्य के महाधिवक्ता और वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों से राय ली थी। गुरुवार को ही महाधिवक्ता ने अपनी राय भेजते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले का हवाला दिया और स्पष्ट किया कि जब तक दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट से रोक नहीं मिलती, तब तक सदस्यता समाप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, स्पीकर के पास नहीं बचा कोई विकल्प
विधानसभा सचिवालय ने विधायक कंवरलाल को नोटिस जारी कर 7 मई तक जवाब मांगा था। नोटिस में पूछा गया था कि क्या उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सजा पर स्थगन मिला है। लेकिन विधायक की ओर से सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण अब स्पीकर के पास सदस्यता समाप्त करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था।
इससे पहले भी एक विधायक की गई थी सदस्यता
यह पहला मामला नहीं है जब किसी विधायक की सदस्यता आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि के कारण गई हो। इससे पहले वर्ष 2017 में बसपा के विधायक बीएल कुशवाह की सदस्यता हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर खत्म कर दी गई थी। बाद में उनके स्थान पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी शोभारानी कुशवाह ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी।
इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और इस निर्णय को एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों पर कानून समान रूप से लागू होता है।


















