NEXT 15 मार्च, 2025। क्षेत्र में न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय भवन व पीठासीन अधिकारी के आवास के निर्माण की मांग उठाते हुए अधिवक्ता संघ ने विधायक ताराचन्द सारस्वत को मुख्यमंत्री के नाम विधायक सेवा केंद्र पर ज्ञापन सौंपा।

बार संघ अध्यक्ष सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ मुख्यालय पर वर्ष 1992 में न्यायालय की स्थापना हुई थी। वर्तमान में यहां अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय कार्यरत हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय वर्ष 2009 में कैम्प कोर्ट के रूप में शुरू हुआ था, जिसे 5 जून 2021 को स्थायी न्यायालय का दर्जा दिया गया। वर्तमान में यह न्यायालय अभिभाषक संघ श्रीडूंगरगढ़ के अधिवक्ता भवन में संचालित हो रहा है।
अधिवक्ता और भाजपा शहर अध्यक्ष राधेश्याम दर्जी ने बताया कि न्यायालय परिसर के लिए 68,100 वर्गफुट भूमि आवंटित की गई है, जिसमें से केवल 14,866 वर्गफुट क्षेत्र पर न्यायालय भवन, अधिवक्ता कक्ष आदि का निर्माण किया गया है, जबकि 50,000 वर्गफुट से अधिक भूमि खाली पड़ी है। अभिभाषक संघ की ओर से न्यायालय भवन व पीठासीन अधिकारी के आवास निर्माण की मांग को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर से कई बार अनुरोध किया गया। उच्च न्यायालय द्वारा श्रीडूंगरगढ़ कोर्ट परिसर का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की गई और राज्य सरकार को न्यायालय भवन एवं आवास निर्माण की अनुशंसा भेजी गई। इन दौरान साथ में एडवोकेट बाबुलाल सारस्वत और प्रवीण पालीवाल भी मौजूद रहे।
अधिवक्ता संघ ने ज्ञापन देते हुए आग्रह किया कि विधि विभाग से आवश्यक बजट स्वीकृत कर श्रीडूंगरगढ़ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय भवन व पीठासीन अधिकारी के आवास निर्माण की स्वीकृति दी जाए। इससे न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सुचारू रूप से संचालित करने में सहायता मिलेगी।