NEXT 15 मार्च, 2025। स्थानीय अभिभाषक संघ ने क्षेत्र में न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए सिविल न्यायाधीश (क.ख.) एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग का नया न्यायालय स्थापित करने की मांग की है। इस संबंध में अभिभाषक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम विधायक ताराचन्द सारस्वत को ज्ञापन सौंपा।

बार संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ में वर्तमान में दो न्यायालय कार्यरत हैं, लेकिन यहां 3,384 से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 789 सिविल और 2,914 फौजदारी मामले शामिल हैं। मामलों की अधिक संख्या के कारण वादियों को न्याय मिलने में काफी देरी हो रही है।
एडवोकेट एवं भाजपा शहर अध्यक्ष राधेश्याम दर्जी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर ने भी श्रीडूंगरगढ़ में नए न्यायालय की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए सर्वेक्षण करवाया था। न्यायालय परिसर में बने पुस्तकालय भवन को अस्थायी रूप से न्यायालय संचालन के लिए उपयुक्त माना गया है। इसके आधार पर उच्च न्यायालय ने राजस्थान सरकार को नए न्यायालय की स्थापना के लिए अनुशंसा भेजी है। इस दौरान एडवोकेट बाबुलाल सारस्वत और प्रवीण पालीवाल भी मौजूद रहे।
अभिभाषक संघ ने मुख्यमंत्री से शीघ्र ही इस न्यायालय की स्थापना के लिए विधि विभाग से राशि स्वीकृत करवाने की अपील की है, जिससे क्षेत्र के लोगों को त्वरित न्याय मिल सके।