NEXT 6 फरवरी, 2025। स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन सेवा ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर प्रदेश के गैर-सरकारी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के तहत 25% नि:शुल्क अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों की फीस पुनर्भरण के लिए यूनिट कॉस्ट निर्धारित कर प्रथम किश्त के बिल बनाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की है।
एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू ने पत्र में बताया कि शिक्षा सत्र 2024-25 समाप्त होने को है, लेकिन अब तक प्रथम किश्त के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। यदि समय पर बिल नहीं बने तो स्कूलों को भुगतान में देरी होगी, जिससे गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है। संगठन ने इससे पहले भी विभाग और सरकार को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया है।
यूनिट कॉस्ट बढ़ाने की भी मांग
भादू ने पत्र में यह भी कहा कि गत चार शिक्षा सत्रों से यूनिट कॉस्ट में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि महंगाई बढ़ने के कारण स्कूलों का खर्च लगातार बढ़ रहा है। संगठन ने मांग की है कि यूनिट कॉस्ट को बढ़ाकर कम से कम 23,000 रुपये प्रति छात्र किया जाए और जल्द से जल्द भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है, तो गैर-सरकारी स्कूलों के हितों की रक्षा के लिए संगठन को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
यूनिट कॉस्ट निर्धारित कर बिल बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग

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