राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने और सड़क सुरक्षा पर हुई खास चर्चा
NEXT 24 अक्टूबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। गृहमंत्री अमित शाह के 61वें जन्मदिन पर ईको भारत के संस्थापक और प्रसार भारती समीक्षक सम्पत सारस्वत बामनवाली ने अहमदाबाद स्थित उनके निवास पर पहुंचकर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर उन्होंने योगेंद्र शर्मा के सहयोग से तैयार राजस्थानी भाषा का वृहद ग्रंथ “सिरी रामचरित सुधा सिंधु- मायड़ भासा री रामचरित माला” भेंट किया।

यह ग्रंथ स्व. पंडित रामजीलाल शर्मा (राजगढ़, चूरू) द्वारा 35 साल पहले लिखा गया था। इसमें राजस्थानी संस्कृति, परिवेश और मिट्टी की सुगंध झलकती है। सम्पत सारस्वत ने शाह को बताया कि यह ग्रंथ न सिर्फ रामकथा का अद्भुत संग्रह है, बल्कि राजस्थानी भाषा की समृद्ध परंपरा का प्रतीक भी है।
सम्पत सारस्वत ने गृहमंत्री से राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग रखी और इस दिशा में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। शाह ने इस विषय में रुचि दिखाते हुए कहा कि वे संबंधित पहलुओं पर विचार करेंगे।

मुलाकात के दौरान सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सुधार पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सारस्वत ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक जागरूकता की जरूरत बताई। गृहमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
दोनों ने सड़क सुरक्षा को लेकर संयुक्त पहल शुरू करने पर सहमति जताई, जिसके तहत जागरूकता अभियान और संरचनात्मक सुधारों पर काम किया जाएगा।
इस मौके पर बीकानेर से नवदीप बीकानेरी, टन्नू आचार्य, नवरत्न ओझा और साहिल कलाल भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सड़क सुरक्षा और राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन दोनों मोर्चों पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।















