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नेत्रदान: मरणोपरांत नेत्रदान करके दो जिंदगियों को रोशन कर गई मांगी देवी

By Next Team Writer

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NEXT 28 अप्रैल, 2025। कस्बे के आडसर बास क्षेत्र की रहने वाली मांगी देवी सिंघी (62) पत्नी गोविंदराम सिंघी का सोमवार को निधन हो गया। दु:ख की इस घड़ी में परिवार ने बड़ा फैसला लेते हुए नेत्रदान किया।
सामाजिक कार्यकर्ता अशोक झाबक ने बताया कि मांगी देवी के पुत्र रोहित सिंघी और रजत सिंघी ने नेत्रदान के लिए सहमति दी। नेत्रदान की प्रेरणा परिवार मृतका के पति गोविंदराम सिंघी और तेरापंथ युवक परिषद श्रीडूंगरगढ़ अध्यक्ष मनीष नौलखा से मिली।

नेत्र संग्रहण का कार्य प्राणनाथ हॉस्पिटल, सरदारशहर की टीम ने तेरापंथ युवक परिषद श्रीडूंगरगढ़ के सहयोग से संपन्न किया। परिषद संयोजक अमित बोथरा ने पूरी प्रक्रिया का समन्वय किया। साथ ही, विक्रम मालू और मनीष पटावरी की सहभागिता रही। इस कार्य में नेत्रदान राज्य प्रभारी रोशन नाहर का भी मार्गदर्शन रहा।

नगर में नेत्रदान के इस सेवा कार्य को लेकर परिवार की सराहना हो रही है। लोग मांगी देवी सिंघी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और परिवार को इस पुण्य कार्य के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि “मांगी देवी आज भी दो लोगों को नई रोशनी देकर जीवित रहेंगी।”

जानिए नेत्रदान से जुड़ी खास बातें
1. एक नेत्रदान से दो नेत्रहीनों को मिल सकती है रोशनी।
2. मृत्यु के 6 घंटे के भीतर नेत्र संग्रहण संभव होता है।
3. नेत्रदान के लिए उम्र या बीमारी कोई बाधा नहीं होती (कुछ अपवाद छोड़कर)।
4. तेरापंथ युवक परिषद समेत कई संस्थाएं नेत्रदान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।

Next Team Writer

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