NEXT 22 अक्टूबर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान के होनहार ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें सरकारी दफ्तरों में काम करने के लिए किसी भर्ती परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा का इंतजार नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) सहित 11 विभागों में युवाओं को काम करने का मौका मिलेगा।
राज्य सरकार ने इसके लिए सीएम फैलोशिप प्रोग्राम शुरू किया है। इस योजना के तहत युवाओं को सीधे चयनित कर सरकारी विभागों में फेलो के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
हर महीने 60 हजार रुपए का स्टाइपेंड, 5 हजार रुपए भत्ता
फैलोशिप में चयनित युवाओं को हर महीने 60,000 रुपए का स्टाइपेंड और 5,000 रुपए का अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। यानी कुल 65,000 रुपए तक की मासिक राशि युवाओं को मिलेगी।
चयन प्रक्रिया शुरू, अब GD और इंटरव्यू होंगे
सरकार ने फैलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली है। 10 अक्टूबर तक आवेदन लिए जा चुके हैं। अब आवेदकों को ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
दोनों के 100-100 अंक होंगे। इंटरव्यू बोर्ड में सीएमओ और आर्थिक-सांख्यिकी विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे।
ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के बाद दोगुने अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। चयनित युवाओं को एक हफ्ते का ओरिएंटेशन प्रोग्राम करवाया जाएगा।
11 विभागों में होगी तैनाती, ACS और प्रमुख सचिव होंगे मेंटर
सीएम फैलोशिप प्रोग्राम के तहत चयनित युवाओं को मुख्यमंत्री कार्यालय सहित 11 विभागों में तैनात किया जाएगा।
हर फेलो के लिए संबंधित विभाग के एसीएस या प्रमुख सचिव को मेंटर बनाया जाएगा। वहीं विभाग के संयुक्त सचिव नोडल अधिकारी होंगे, जो फेलो के रोजमर्रा के काम पर नजर रखेंगे।
हर महीने देनी होगी रिपोर्ट, हर तिमाही में होगा रिव्यू
फेलो को सीएमओ के निर्देश पर काम दिए जाएंगे। हर महीने उन्हें अपने काम की प्रगति रिपोर्ट (Monthly Progress Report) जमा करनी होगी और हर तीन महीने में रिव्यू किया जाएगा।
फेलो को खुद का लैपटॉप और डाटा कार्ड रखना जरूरी होगा। साथ ही उन्हें प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी।
प्रोग्राम चलाएगा आर्थिक और सांख्यिकी विभाग
सीएम फैलोशिप प्रोग्राम का संचालन आर्थिक और सांख्यिकी विभाग करेगा। इसके लिए एक प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमेटी बनाई गई है।
इसमें आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे, जबकि सीएमओ और वित्त विभाग के अधिकारी सदस्य होंगे। यही कमेटी फेलो के चयन के पैरामीटर और कार्य तय करेगी।
पहले चलती थी यंग प्रोफेशनल्स स्कीम
राज्य में इससे पहले यंग प्रोफेशनल्स स्कीम लागू थी, जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के रूप में सरकारी कामकाज का अनुभव कराया जाता था।
अब सरकार ने उसी योजना को और मजबूत करते हुए सीएम फैलोशिप प्रोग्राम के रूप में लागू किया है, जिससे युवाओं को सीधे शासन प्रणाली का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
युवाओं के लिए बड़ी पहल
सरकार का यह कदम प्रशासनिक तंत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है। इससे पढ़े-लिखे युवा न केवल सरकारी कामकाज को समझ पाएंगे बल्कि अपने सुझावों और इनोवेटिव सोच से शासन को भी नई दिशा दे सकेंगे।















