NEXT 6 अप्रैल, 2025। “अब एक ही नारा एक ही नाम, जय श्री राम- जय श्री राम” जैसी श्रीराम के जयकारों से श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में राम नाम की लहर दौड़ रही थी। अवसर था रामनवमी पर आयोजित भव्य, दिव्य और अद्भुत धर्मयात्रा का। हजारों श्रद्धालु धर्मयात्रा में शरीक हुए। कस्बे में हर तरफ भगवा ध्वज ही दिखाई दे रहा था। धर्मयात्रा में हजारों रामभक्तों ने केसरिया साफा पहनकर उत्साहपूर्वक भाग लिया।

बच्चों व युवाओं ने हाथों में धर्मपताका लेकर ‘जय श्रीराम’ के जयकारे लगाए। धर्मयात्रा के स्वागत हेतु रास्ते भर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर भक्ति भाव प्रकट किया। नगर के सभी वर्गों, व्यापारियों, संगठनों और समाजों ने एकजुट होकर इस आयोजन में भागीदारी निभाई।
धर्मसभा के साथ हुआ शुभारंभ, झांकियों ने मोहा मन

धर्मयात्रा से पूर्व ताल मैदान के परिपार्श्व में धर्मसभा का आयोजन हुआ, जिसमें दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने समारोह को भक्ति और उल्लास से भर दिया।
प्रमुख जनप्रतिनिधियों और संगठनों की भागीदारी
इस धार्मिक आयोजन में विधायक ताराचंद सारस्वत, विश्वकर्मा कौशल बोर्ड अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा, भाजपा शहर अध्यक्ष एडवोकेट राधेश्याम दर्जी, अनिल वाल्मीकि, सेरूणा से एडवोकेट रणवीरसिंह सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। वहीं विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति और दुर्गावाहिनी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में धर्मयात्रा में शामिल हुए।
सांप्रदायिक सौहार्द का अद्भुत उदाहरण

रामनवमी के अवसर पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टीम ने जामा मस्जिद के पास पानी की बोतलों और पुष्पवर्षा के माध्यम से सेवा कार्य किया। इस सेवा में अमीर खान कयामखानी, रोशन अली, मनोज चोपदार आदि सेवादार शामिल रहे।

विश्वकर्मा समाज ने किया अभिनंदन

विश्वकर्मा समाज द्वारा भी धर्मयात्रा का स्वागत किया गया। समाज अध्यक्ष परमेश्वर सुथार, राजेंद्र जांगिड़, बजरंग सुथार, पार्षद भरत सुथार, पूनमचंद सुथार, सीताराम व बनवारी सुथार सहित अनेक नागरिकों ने भाग लिया।
अघोरी नृत्य सहित विभिन्न रूप धरी झांकियों ने किया आकर्षित

धर्मयात्रा में विभिन्न संजीव झांकिया सजाई गई। श्रद्धालुओं ने विभिन्न पौराणिक स्वरूप धरे। अघोरी नृत्य ने यात्रा में समाँ बांध दिया। जगह-जगह पेयजल सहित शीतलपेय की व्यवस्था ने 3 बजे शुरू हुई धर्मयात्रा को 4 घण्टे तक अनवरत चलने के बाद भी थकने नहीं दिया। और झूमते, गाते श्रद्धालुओं की यह धर्मयात्रा सिंधी कॉलोनी में सम्पन्न हुई।
नगरवासियों की आस्था, सहभागिता और सौहार्द से ओतप्रोत इस धर्मयात्रा ने श्रीडूंगरगढ़ के धार्मिक और सामाजिक समरसता की मिसाल प्रस्तुत की।