NEXT 10 मई, 2025। क्षेत्र के गांव ऊपनी में 9 मई 2025 की रात्रि डूंगरनाथ गोदारा के निवास स्थान पर जसनाथ महाराज का भव्य जागरण एवं विश्व प्रसिद्ध अग्नि नृत्य श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में ग्रामीणों सहित आसपास के क्षेत्रों से आए लगभग 3500 से 4000 श्रद्धालुजन उपस्थित रहे। पूरे आयोजन में आस्था और लोक संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला।


इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से पधारे संत-महात्माओं ने आध्यात्मिक प्रवचनों से उपस्थित जनसमूह को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में सती माता काल्लदे पीठ, कतररयासर से महंत मोहननाथ, श्री हंसोजी धाम, लिखमादेसर से परमहंस संत सोमनाथ, पूनरासर से महंत प्रेमनाथ, मालासर से महंत रूघनाथ, लीलसर बाड़मेर से महंत मोटनाथ, श्रीडूंगरगढ़ के बिग्गा आश्रम से महंत प्रेमनाथ तथा राजलदेसर से परमहंस योगी सुरजीतनाथ ने उपस्थित होकर धर्म, सेवा और सामाजिक एकता के संदेश दिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नागौर सांसद एवं रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया तथा नोखा के प्रधान प्रतिनिधि आत्माराम तरड़ शामिल हुए। इन राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने जसनाथ परंपरा की भूमिका की सराहना करते हुए समाज सुधार एवं लोक संस्कृति के संरक्षण में इनके योगदान को महत्त्वपूर्ण बताया।

इस भव्य आयोजन में कई धार्मिक, सामाजिक और युवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इनमें बहादुर मल सिद्ध भारी (अध्यक्ष, देव जसनाथ संस्थागत वन मंडल), पोकरनाथ सिद्ध डांगा (अध्यक्ष, रुस्तम धोरा ओरण ट्रस्ट), जिज्ञासु सिद्ध गोदारा (मंत्री, रुस्तम धोरा ट्रस्ट), माननाथ सिद्ध ज्याणी (अध्यक्ष, सिद्धाश्रम सेवा समिति, सरदारशहर), पवन सिद्ध (कोषाध्यक्ष, सिद्ध युवा महासभा), ओमप्रकाश सिद्ध सारण व बीरबलनाथ सिद्ध जाखड़ (पूर्व अध्यक्ष, सिद्ध युवा महासभा), रामचंद्रनाथ सिद्ध (सरपंच, साधासर), गिरधारीनाथ सिद्ध (सरपंच, बगसेऊ), भींवनाथ सिद्ध (पंचायत समिति सदस्य), दानाराम घिंटाला (जिला अध्यक्ष, रालोपा), विजयपाल बेनीवाल (प्रदेश मंत्री, रालोपा) और मांगीलाल गोदारा (पूर्व अध्यक्ष, डूंगर कॉलेज, बीकानेर) शामिल रहे।

स्थानीय समाजबंधु मोतीनाथ, चुननाथ, हिरनाथ, मघनाथ, पूर्व सरपंच श्रीरामनाथ, नोरंगनाथ, पन्नानाथ साईं, प्रभुनाथ, हरजीनाथ, काशीनाथ, जिला परिषद सदस्य हरिराम गोदारा, ऊपनी सरपंच रामेश्वरलाल गोदारा, जयपुर से मांगीनाथ सिद्ध (अध्यक्ष, सिद्ध समाज विकास समिति) तथा समस्त ग्रामवासी श्रद्धा के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए।

जसनाथ परंपरा के अंतर्गत प्रस्तुत अग्नि नृत्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह नृत्य केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जिसने राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। मंच से संतों ने नशामुक्ति, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, अंधविश्वास विरोध और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर जागरूकता के संदेश भी दिए।

गौरतलब है कि इसी श्रृंखला में 19 अगस्त 2023 को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में भी जसनाथ महाराज का भव्य जागरण आयोजित हुआ था, जिसमें प्रदेशभर से करीब 50,000 श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। जसनाथ महाराज द्वारा बताए गए 36 नियम आज भी समाज के लिए प्रेरणा हैं, जिनमें जीवदया, जात-पात का विरोध, शुद्ध जीवनशैली और नैतिक आचरण को महत्त्व दिया गया है।