NEXT 24 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बीकानेर जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बरसात किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। आधे सावन और आधा भादवा बिना बरसात के गुजर जाने से खरीफ फसलें चौपट होने की कगार पर थीं, लेकिन अब खेतों में नई जान लौट आई है और किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। रविवार सुबह से बीकानेर तहसील के ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश का दौर चला। बादलों की गर्जना और रुक-रुककर हुई बरसात ने खेत-खलिहानों को तरबतर कर दिया। शेरेरां, हेमेरां, रूणिया बड़ाबास, राजेरां, खारड़ा, करनीसर, कतरियासर, बम्बलु, नौरंगदेसर, तेजरासर, गुसाईंसर, सेरूणा, पूनरासर खारी, कूजटी, सहजरासर और राजपुरा सहित कई गांवों में अच्छी बरसात हुई। खेतों में पानी भर गया और वातावरण शीतल हो गया। गांवों में बच्चे पानी में खेलते नजर आए तो बुजुर्गों ने इसे ईश्वर की कृपा मानते हुए राहत की सांस ली।

संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने बताया कि खरीफ-25 में जिले के किसानों ने कुल 12.82 लाख हेक्टेयर में बुवाई की है। इसमें सर्वाधिक 4.35 लाख हेक्टेयर में ग्वार, 3.30 लाख हेक्टेयर में मोठ, 2.22 लाख हेक्टेयर में मूंगफली, 71 हजार हेक्टेयर में बाजरा, 50 हजार हेक्टेयर में कपास और 42 हजार हेक्टेयर में मूंग की बुवाई की गई है। सिंचित क्षेत्र में भी 1.30 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसलें बोई गई हैं। लंबे समय से बारिश न होने और बिजली कटौती के कारण मूंगफली, कपास जैसी फसलें खराब होने लगी थीं, वहीं बारानी खेत तो पहले ही सूख चुके थे। अब हुई इस बारिश ने खेतों में नमी बढ़ाकर फसलों को बचाने की उम्मीद जगा दी है।

उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि जिले में लगभग 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल वृक्ष बगीचे लगे हैं। इनमें 750 हेक्टेयर में अनार और 300 हेक्टेयर में खजूर की बागवानी है। यह बरसात इन बगीचों की बढ़वार और उत्पादन के लिए भी जीवनदायिनी साबित होगी। खरीफ सब्जियों, खासकर कद्दू वर्गीय सब्जियों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा है।
ग्रामीण अंचल के किसानों ने बरसात को वरदान बताया है। राजेडू के नानूराम गरूवा ने कहा कि इस बारिश ने अनार, मोठ, ग्वार और मूंगफली की फसलों को नई जान दी है। बेलासर के किसान वीरेंद्र लुणू ने कहा कि इस समय फसलों में फाल आ रहा है और सिंचाई की जरूरत थी, जो बारिश से पूरी हो गई है। समन्दसर के गोरधनराम मेघवाल का कहना है कि अब फसल की बढ़वार अच्छी होगी और फाल भी ज्यादा आने की उम्मीद है। खाजूवाला के पृथ्वीराज कासनिया ने कहा कि बरसात बारानी ग्वार, मोठ, बाजरा के साथ कपास और मूंगफली जैसी फसलों के लिए भी वरदान साबित हुई है। ग्रामीणों ने इसे अब तक की सबसे अच्छी बरसात बताते हुए कहा कि इससे जमीन की प्यास बुझ गई है और खेतों में हरियाली लौट आई है।

दामोदर सारस्वत ने बताया कि बरसात ने जहां किसानों की चिंताओं को कम किया है, वहीं अब अच्छी पैदावार की उम्मीद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

